scorecardresearch
 
Advertisement
ट्रेंडिंग

झारखंड के फुनसुख वांगड़ू गांव की मिट्टी में बो रहे ISRO के सपने

Amitabh Bachchan is also a fan of Phunshuk Wangdu Jharkhand
  • 1/8

रांची से करीब 15 किलोमीटर दूर पिस्का नगड़ी गांव के रहने वाले ज्ञान राज गांव की मिट्टी में वैज्ञनिक बनने और ISRO जाने के सपने बो रहे हैं. ग्रामीण परिवेश के बच्चे भी कहते हैं कि उनका सपना काबिल बनना है कामयाब नहीं. काबिल बने तो कामयाबी झक मारके पीछे आएगी. बच्चे ड्रोन मेकिंग से लेकर रोबोटिक्स की जानकारी और नई तकनीक गढ़ने और जानने में दक्ष हैं. ज्ञान राज PSA ग्रुप के सदस्य से जो साइंस से जुड़े विषयों पर प्रधानमंत्री मोदी को सुझाव देता है.

Amitabh Bachchan is also a fan of Phunshuk Wangdu Jharkhand
  • 2/8

ज्ञान राज बी. टेक. हैं और अच्छे ऑफर छोड़कर ग्रामीण बच्चों में छिपी वैज्ञानिक प्रतिभा को निखारने के लिए मेहनत कर रहे हैं. वे फ़िल्म थ्री इडियट्स के फुनसुख वांगड़ू की तरह ही झारखंड के रेंचो बनने में दिलचस्पी रखते हैं. वह ATL लैब चलाते हैं और यहां पढ़ने वाले हर बच्चों को साइंटिस्ट बनाकर ISRO भेजना चाहते हैं. बच्चे भी ISRO के सपने बो रहे हैं और अलग करने की सोच अभी से रखते हैं. 

Amitabh Bachchan is also a fan of Phunshuk Wangdu Jharkhand
  • 3/8

ज्ञान की प्रतिभा को अब तक सिर्फ उसी इलाके के बच्चे जानते थे लेकिन कौन बनेगा करोड़पति की हॉट सीट पर बैठने के बाद उन्हें पूरा देश जानने लगा है. सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने ज्ञान राज की तुलना थ्री इडियट मूवी के रेंचो उर्फ फुनसुख वांगड़ू के किरदार से की है. ज्ञान अपने ही पिता के स्कूल के बच्चों में छिपे भावी वैज्ञानिक को तराश रहे हैं. अपने गांव की मिट्टी में इसरो के सपने बो रहे हैं.

Advertisement
Amitabh Bachchan is also a fan of Phunshuk Wangdu Jharkhand
  • 4/8

ज्ञान राज जहां इन बच्चों को पढ़ा रहे हैं ये ATL है यानी Atal tinkering lab. रांची के अलावा ATL सिर्फ धनबाद और खूंटी में हैं. यहां आने पर हर छोटी चीज़ों में इनोवेशन और क्रिएटिविटी दिखता है. इसे फार्मर फ्रेंड कहते हैं. किसानों के लिए बनाई गई इस मशीन को सोलर पावर से चलाया जाता है. इससे बुआई या कटाई समेत खेत मे 10 तरह का काम लिया जा सकता है. ट्रैक्टर का ये व‍िकल्प के तौर पर भी काम करता है. इसी तरह से प्लांट के लिए वाटर रिचार्ज बैटरी समेत टेलिस्कोप, ड्रोन मेकिंग और रोबोटिक्स तक बच्चे यहां सीख रहे हैं. करण बताते हैं कि रोबोटिक्स से क्या फायदा है. वहीं, विकास ने वाटर लेवल इंडीकेटर बनाया है तो किसी ने काउडंग क्लीनर. सभी ने वैसी तकनीक का ईजाद किया है जिसका इस्तेमाल सोसायटी में हो सके.

Amitabh Bachchan is also a fan of Phunshuk Wangdu Jharkhand
  • 5/8

ज्ञान राज PSA ग्रुप के मेंबर हैं. भारत  के PSA यानी प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर हैं के विजयन राघवन. नवंबर 1999 में पीएसए की नींव रखी गई थी. यह ग्रुप प्रधानमंत्री को साइंस एंड टेक्नोलॉजी की जरूरतों से जुड़ा सुझाव देता है. इसमें देश भर से 100 यंग साइंटिस्ट जोड़े गये हैं जिनमें रांची के ज्ञान राज भी शामिल हैं.

Amitabh Bachchan is also a fan of Phunshuk Wangdu Jharkhand
  • 6/8

नीति आयोग ने अटल मिशन लैब के तहत अटल टिंकरिंग लैब को प्रयोग के रूप में शुरू किया था. इसका मकसद है बच्चों और युवाओं में वैज्ञानिक सोच विकसित करना. अपने स्कूल में इस लैब का लाभ लेने के लिए ज्ञान ने पोर्टल पर प्रोजेक्ट बनाकर अप्लाई किया था. झारखंड में सिर्फ तीन जगह यह लैब है. अटल की तरफ से समय-समय पर बच्चों के लिए वर्कशॉप का आयोजन होता है ताकि उनकी वैज्ञानिक क्षमता में निखार आए. इनके लैब में बच्चों को रोबोटिक, आर्टीफ‍िश‍ियल इंटेलिजेंस, ड्रोन मेकिंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और वर्चुअल रियलिटी की जानकारी दी जाती है. साथ ही नये-नये ईजाद करने के लिए प्रेरित किया जाता है. 

Amitabh Bachchan is also a fan of Phunshuk Wangdu Jharkhand
  • 7/8

यहां के बच्चे बाजार से ड्रोन खरीदने के बजाए खुद ड्रोन बनाकर उड़ाते हैं. इनके स्कूल के ज्यादातर बच्चे इंजीनियर बनना चाहते हैं. ज्ञान राज  ने अपने पिता दुबराज साहू द्वारा स्थापित राज इंटरनेशनल स्कूल से 10वीं की पढ़ाई पूरी की फिर रांची के सेंेंट जेवियर्स कॉलेज से साइंस में स्टेट टॉपर बने. रांची के ही बीआईटी मेसरा से कंप्यूटर साइंस में बी-टेक किया. इसके बाद इन्हें कई बड़ी कंपनियों के ऑफिर मिले लेकिन ज्ञान राज में छ‍िपा है फुनसुख वांगड़ू जो कुछ और ही चाहता था. 

Amitabh Bachchan is also a fan of Phunshuk Wangdu Jharkhand
  • 8/8

इनके स्कूल के बच्चों को साइंस एंड टेक्नोलॉजी से जुड़े कई कॉम्पिटिशन  में अवार्ड मिल चुका है. उन्होंने अपने स्कूल के बच्चों द्वारा तैयार एक मॉडल को भी दिखाया जो सोलर से चलता है. इस छोटी सी मशीन की बदौलन न सिर्फ अपने खेत के घास कांटे जा सकते हैं बल्कि घर-पतवार हटाने से लेकर घर में बच्चों को पढ़ाई के वक्त रोशनी भी दी जा सकती है. ज्ञान राज कहते हैं कि गांव के बच्चों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है. उन्हें तो बस रास्ता दिखाने वाला चाहिए. मैं वही काम कर रहा हूं. अब वक्त है कि हमारे बच्चे कामयाबी वाली नहीं बल्कि काबिल बनने वाली पढ़ाई पढ़ें.

Advertisement
Advertisement