देसी अंदाज में जीएस के टॉपिक समझाने वाले 'खान सर' के नाम को लेकर विवाद सुर्खियों में है. 24 अप्रैल को उनके द्वारा डाले गए एक वीडियो के बाद, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान में फ्रांस के राजदूत को देश से वापस भेजने के लिए हो रहे विरोध प्रदर्शन की मिस्ट्री समझाई. उन्होंने इस वीडियो में एक बच्चे की तस्वीर को पॉइंट करते हुए जो टिप्प्णी की, उसे लेकर विवाद शुरू हुआ तो उनके नाम पर भी चर्चा होने लगी.
उनका नाम खान सर या अमित सिंह? ट्विटर पर खान सर की एक और वीडियो क्लिप खोजी गई, इसमें वो कह रहे हैं कि उनका असली नाम खान नहीं, बल्कि अमित सिंह है. वीडियो में वो कह रहे हैं कि मेरा ‘खान सर’ नाम नहीं है. यह एक जुगाड़ का नाम है जबकि ऐसे लोग हमको अमित सिंह कहकर बुलाते हैं.
नाम को लेकर उठे विवाद के बाद जब आजतक ने इसकी पड़ताल की और पटना में उनके दोस्त महेंद्र सागर से लेकर यूपी के देवरिया जिले में भाटपाररानी कस्बे में उनके जानने वालों से बात की तो उनका असली नाम सामने आया.
पटना में Khan GS Research Centre में उनके साथ पढ़ाने वाले टीचर महेंद्र सागर से आजतक की टीम ने बात की. महेंद्र सागर ने बताया कि वह चार सालों से इस सेंटर में पढ़ा रहे हैं. खान सर का नाम फैसल खान है. जिस बिल्डिंग में यह सेंटर है, उसके मालिक के पास सारे डॉक्यूमेंट हैं जिसमें उनका असली नाम लिखा है. हमें तो कभी जरूरत पड़ी नहीं इसलिए हमने डॉक्यूमेंट देखे नहीं लेकिन कई बार मालिक से उनका नाम जरूर सुना था.
इस बारे में और पड़ताल के लिए आजतक की टीम ने यूपी के देवरिया जिले में भाटपाररानी कस्बे में उन जगहों को तलाशा जहां पर कभी खान सर ने स्कूली पढ़ाई की थी. जब लॉकडाउन लगा तो यहीं एक स्टूडियो में उन्होंने अपने टॉपिक के वीडियो बनाकर यूट्यूब पर अपलोड किए थे.
भाटपाररानी के परमार मिशन स्कूल से हाईस्कूल पास करने वाले सलीम अली ने बताया कि मैंने और खान सर ने इसी स्कूल से हाईस्कूल पास किया है. उनका नाम फैसल खान है और यह भाटपाररानी के ही मूल निवासी हैं. इस स्कूल में हमने साथ में ही पढ़ाई की है. वह शुरू से ही मजाकिया किस्म के थे. उनका नाम अमित सिंह नहीं बल्कि फैसल खान ही है.
भाटपाररानी में हार्ट बीट नाम से रेस्टॉरेंट चलाने वाले शख्स ने बताया कि जब भी खान सर यहां आते हैं तो उनके ही रेस्टोरेंट में खाना खाने आते हैं. उन्हें विशेष रूप से बर्गर पसंद है. उनका यहां मालवीय गेट के पास बापू रोड पर खुद का मकान है. पिछली बार के लॉकडाउन में उनका यहीं स्टूडियो हुआ करता था और वह वहीं से ऑनलाइन क्लास लेते थे. उनके एक नरेश नाम के मित्र हैं, उनके यहीं टोटल एडिटिंग और मिक्सिंग होती थी.
डीएस मॉडल कोचिंग सेंटर में उनके साथ पढ़ने वाले एक शख्स ने बताया कि डीएस कोचिंग में फिजिक्स और मैथ की पढ़ाई होती थी. हमने इस कोचिंग में इंटर क्लास के समय पढ़ाई की थी. तब खान सर हमारे साथ ही इस कोचिंग में पढ़ते थे.
भाटपाररानी में परमार मिशन स्कूल की प्रिंसिपल पूनम परमार ने बताया कि खान सर के दादा इसी स्कूल में पढ़ाते थे और खान सर भी यहां पढ़े हैं. बचपन में वह सामान्य से स्टूडेंट थे, शायद सातवीं या आठवीं तक वह यहां पढ़े हैं. उनका बचपन में नाम फैसल था. अब उन्होंने यही नाम रखा है दूसरा यह हमें नहीं मालूम. उनकी अम्मी से भी हमने बात की तो उन्होंने कहा कि खान सर ही अपने फैसल खान हैं, आपके ही यहां यह पढ़ा है.
दरअसल, पटना वाले खान सर को GS के टॉपिक को देसी तरीके से आसान बनाकर पढ़ाने में महारथ हासिल है. वे इनके यूट्यूब पर वीडियोज बनाकर डालते हैं. उनके यू ट्यूब चैनल (Khan GS Research Centre) पर 92 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं. अब अपने इन्हीं वीडियोज की वजह से खान सर विवादों में घिर गए हैं. सोशल मीडिया पर खान सर के विवादित वीडियो क्लिप्स वायरल किये जा रहे हैं. विवाद 24 अप्रैल को फ्रांस-पाकिस्तान के संबंधों पर डाले गए वीडियो से शुरू हुआ. इसमें वे एक जगह बताते हैं कि पाकिस्तान में फ्रांस के राजदूत को देश से वापस भेजने के लिए विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं और इन विरोध प्रदर्शनों में बच्चे भी हिस्सा ले रहे हैं.
(रिपोर्ट-सुजीत गुप्ता)