आजकल हर कोई घर बैठे ऑनलाइन अपनी जरूरतों का सामान मंगवा रहे हैं. लेकिन इस दौरान कई बार ऐसा होता है जब आपकी जरूरत की जगह कोई दूसरा सामान आपके घर पहुंच जाता है. कुछ ऐसा ही हुआ कोलकाता के रहने वाले सुथिरथो दास के साथ. (सभी तस्वीरें फेसबुक वॉल से ली गई हैं)
दरअसल सुथिरथो दास ने ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल एमेजॉन से कम्युनिस्ट मेनिफेस्टो ऑर्डर किया था लेकिन जब डिलिवरी के बाद उन्होंने पैकेट खोल कर देखा तो उससे भगवद गीता थी.
सुथिरथो दास ने सोशल मीडिया फेसबुक पर इसकी जानकारी लोगों से साझा की. उन्होंने लिखा कि बुधवार को कम्युनिस्ट घोषणापत्र के लिए एमेजॉन पर ऑर्डर दिया था और उन्हें इसका कन्फर्मेशन भी मिला था.
दास ने बताया कि जब शनिवार को वो अपने दफ्तर में थे तो उन्हें एक महिला का फोन आया और उसने पार्सल को अस्वीकार करने के लिए कहा क्योंकि उसमें गलत पुस्तक थी. वह ऐसा नहीं कर सकते थे क्योंकि वह घर पर नहीं थे.
जब वो दफ्तर से अपने घर वापस लौटे तो पैकेट खोल कर देखा. पैकेट के ऊपर तो कम्युनिस्ट मेनिफेस्टो का उल्लेख था, लेकिन उसके अंदर भगवद गीता की किताब थी.
ऐसे कई उदाहरण हैं जहां ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल्स ने लोगों तक गलत सामान पहुंचा दिया. हाल ही में, एक व्यक्ति ने एमेजॉन के माध्यम से 300 रुपये में एक फेस क्रीम ऑर्डर की थी लेकिन उन्हें करीब 19000 हजार रुपये मूल्य का बोस हेडफ़ोन डिलिवर कर दिया गया.