इसके बाद ओजोन लेयर के छेद को कम करने के पीछे मुख्यतः तीन सबसे बड़े कारण हैं ये बादल, क्लोरोफ्लोरोकार्बन्स और हाइड्रोक्लोरोफ्लोरोकार्बन्स. अभी इन तीनों की मात्रा स्ट्रेटोस्फेयर में बढ़ गई है. इनकी वजह से स्ट्रेटोस्फेयर में जब सूरज की अल्ट्रवायलेट किरणें टकराती हैं तो उनसे क्लोरीन और ब्रोमीन के एटम निकलते हैं. यही एटम ओजोन लेयर को पतला कर रहे हैं. जिसके उसका छेद बड़ा होता जा रहा है. (फोटोः रॉयटर्स)