उत्तर प्रदेश बहराइच के कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग अंतर्गत मोतीपुर रेंज में तेंदुए ने दो बच्चों को अपना निवाला बनाया. आदमखोर तेंदुए की दहशत की वजह से गांव के लोग घरों में दुबकने के लिए मजबूर हो गए. इसके बाद वन विभाग ने आदमखोर को पकड़ने के लिए दो पिंजड़े लगा दिए, जिसमें तेंदुआ फंस गया. तेंदुआ के पकड़े जाने के बाद गांव वालों ने राहत की सांस ली है. तेंदुए के हमले में जान गवां चुके बच्चों के परिवार को वन विभाग की ओर से 4-4 लाख रुपये की सहायता राशि दी गई है. (बहराइच से राम बरन चौधरी की रिपोर्ट)
कतर्नियाघाट वाइल्ड लाइफ अंतर्गत मोतीपुर रेंज के चंदनपुर गांव में पिछले तीन दिनों से आदमखोर तेंदुए की दहशत कायम थी. उसके आतंक से जंगल के सीमावर्ती लगभग आधा दर्जन गांव के लोगों की रातों की नींद और दिन सुकून गायब हो चुका था.
पहली घटना बीती 30 जुलाई की है. चंदनपुर गांव के खाले बढ़ैया मजरे के राम मनोरथ बाजार शाम के समय दवा लेकर घर आ रहे थे. तभी तेंदुए ने उन पर हमला बोला और उनकी गोद से सात साल के बेटे को झपट लिया. तेंदुए के हमले से गंभीर रूप से घायल बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गई.
वहीं दूसरी घटना एक अगस्त की है. इसी गांव के कलन्दरपुर मजरे के देवतादीन के घर देर शाम तेंदुए ने हमला बोला. अंधेरे का फायदा उठाकर तेंदुआ उनकी छह वर्षीय मासूम बेटी अंछिका पर झपट्टा मार कर खींच ले गया.
पीड़ित पिता ने गांव वालों के साथ अपनी बेटी को रात में खोजने का काफी प्रयास किया, लेकिन वह नहीं मिली. अगले दिन सुबह देवतादीन के घर से 300 मीटर की दूरी पर अंशिका का सिर मिला.
इन दो घटनाओं से चंदनपुर समेत कई गांवों में दहशत का माहौल बना हुआ था. हालांकि वन विभाग ने आदमखोर तेंदुए को पकड़ने का काफी प्रयास किया, लेकिन नाकाम रहे. बीती रात आदमखोर तेंदुआ वन विभाग के लगाए गए पिंजरे में कैद हो गया.