वन विभाग की टीम लगभग 15 दिनों तक इन शावकों को उनकी मां से मिलाने की हर मुमकिन कोशिश करती रही. इस दौरान डॉक्टर की सलाह से शावकों को प्रोटीन युक्त बकरी का दूध पिलाया गया. समय-समय पर इन बच्चों की डॉक्टरी जांच कराई जाती रही, जिससे ये स्वस्थ रहें. कर्मचारियों ने इन शावकों को अपने बच्चे की तरह इनका पालन पोषण किया. लेकिन इतने प्रयासों के बावजूद भी इन शावकों की मां की ममता इन पर नहीं छलकी.
(Photo Aajtak)