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बैक्टीरिया का होगा पृथ्वी पर साम्राज्य, खत्म हो जाएंगे इंसान, पेड़-पौधेः स्टडी

Life on Earth Killed by Lack of Oxygen
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भविष्य में धरती से ऑक्सीजन की मात्रा काफी कम हो जाएगी. इसकी वजह से पृथ्वी पर मौजूद कई जीव खत्म हो जाएंगे. ये खुलासा किया है जापान और अमेरिका के वैज्ञानिकों ने. साइंटिस्ट्स के मुताबिक धरती पर 100 करोड़ साल बाद ऑक्सीजन का स्तर काफी कम हो जाएगा. जिसकी वजह से जटिल एयरोबिक जीव और फोटोसिंथेटिक जीवों की जिंदगी पर संकट आ जाएगा. इनके खत्म होने की आशंका बहुत ज्यादा हो जाएगी. (फोटोःगेटी)

Life on Earth Killed by Lack of Oxygen
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धरती के वायुमंडल में ऑक्सीजन का हिस्सा करीब 21 फीसदी है. इंसान जैसे जटिल संरचना वाले जीवों के लिए ऑक्सीजन की मौजूदगी अत्यधिक जरूरी है. लेकिन धरती की शुरूआत में ऑक्सीजन का स्तर काफी कम था. यही हाल भविष्य में 100 करोड़ साल बाद फिर होगा. (फोटोःगेटी)

Life on Earth Killed by Lack of Oxygen
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जापान के टोहो यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक काजुमी ओजाकी और अटलांटा के जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के क्रिस रीनहार्ड ने धरती के क्लाइमेट, बायोलॉजिकल और जियोलॉजिकल सिस्टम का एक मॉडल तैयार किया है. इससे वो भविष्य में धरती पर होने वाले वायुमंडलीय बदलाव की गणना कर रहे हैं. (फोटोःगेटी)

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Life on Earth Killed by Lack of Oxygen
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दोनों वैज्ञानिकों के मुताबिक अगले 100 करोड़ साल तक धरती का ऑक्सीजन स्तर इसी तरह से बना रहेगा, जैसा अभी है. लेकिन इसके ठीक बाद ऑक्सीजन के स्तर में भयावह कमी आएगी. वायुमंडल में ऑक्सीजन की मौजूदगी स्थाई उपलब्धि नहीं रहेगी. इसके पीछे बड़ा कारण बताया गया है सूरज की उम्र का ढलना. जैसे-जैसे सूरज की उम्र ढलती जाएगी, वह और गर्म होता जाएगा. (फोटोःगेटी)

Life on Earth Killed by Lack of Oxygen
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सूरज के ज्यादा गर्म होने का असर धरती पर मौजूद कार्बन डाईऑक्साइड (CO2) पर पड़ेगा. CO2 कम होने लगेगा. इससे सूरज की गर्मी को सोखने की धरती की क्षमता में कमी आएगी. इसके बाद धरती का वायुमंडल टूटने लगेगा. CO2 में कमी आएगी तो फोटोसिंथेसाइसिंग जीव (Photosynthesising  Organisms) जैसे पेड़-पौधे जीवित नहीं रह पाएंगे. (फोटोःगेटी)

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पेड़-पौधे खत्म होंगे तो ऑक्सीजन के उत्पादन में कमी आएगी. इन फोटोसिंथेसाइसिंग जीव (Photosynthesising Organisms) के खत्म होने से ऑक्सीजन में भारी कमी आएगी. क्रिस रीनहार्ड कहते हैं कि ये कमी बेहद भयावह होगी. ऑक्सीजन का स्तर वर्तमान समय से लाखों गुना नीचे गिर जाएगा. (फोटोःगेटी)

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इतना ही नहीं, काजुमी ओजाकी और क्रिस रीनहार्ड ने अंदाजा लगाया है कि उस समय तक धरती के वायुमंडल में मीथेन गैस की मात्रा 10 हजार गुना ज्यादा बढ़ जाएगी. जैसे ही धरती के वायुमंडल में इस तरह का बदलाव शुरू होगा, ये बड़ी तेजी से होगी. 100 करोड़ साल के बाद अगले 10 हजार सालों में धरती से ऑक्सीजन का स्तर खत्म हो जाएगा. (फोटोःगेटी)

Life on Earth Killed by Lack of Oxygen
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काजुमी ओजाकी कहते हैं कि धरती का बायोस्फेयर अचानक हो रहे इस पर्यावरणीय बदलाव को बर्दाश्त नहीं कर पाएगा. इसके बाद धरती पर सिर्फ सूक्ष्म जीव (Microbial Organisms) ही जीवित रह पाएंगे. इस समय जो एनएरोबिक और प्राचीन बैक्टीरिया छिपे हुए हैं वो धरती पर राज करने लगेंगे. जमीन और समुद्र से जटिल जीवों का खात्मा शुरू हो जाएगा. (फोटोःगेटी)

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धरती का ओजोन लेयर (Ozone Layer) जो ऑक्सीजन से बना है, वो खत्म हो जाएगा. इसकी वजह से जमीन और समुद्र अत्यधिक तीव्र अल्ट्रावॉयलेट किरणों और सूरज की गर्मी के सामने बिगड़ने लगेंगे. इसे बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे. यह अध्ययन NASA के प्लैनेट हैबिटैबिलिटी प्रोजेक्ट का हिस्सा है. (फोटोःगेटी)

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जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी की नैटेली एलेन कहती हैं कि धरती पर ऑक्सीजन कई रूपों में मौजूद है. ये तब से धरती पर है, जब से जीवन की शुरुआत हुई थी. लेकिन नए अध्ययन के मुताबिक धरती से ऑक्सीजन का स्तर कम हो सकता है क्योंकि इसके पीछे कई पर्यावरणीय, अंतरिक्ष संबंधी कारण स्थापित किए जा रहे हैं. धरती हमेशा रहने लायक ग्रह नहीं रहेगी. (फोटोःगेटी)

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