लॉकडाउन का जब पहली
बार ऐलान हुआ था, उसके बाद से ही लाखों की संख्या में मजदूर जहां पर थे,
वहां फंस गए थे. खाने, रोजगार की चिंता में लिप्त मजदूर पैदल ही अपने
गांवों की ओर चल दिए थे, इसके पहले भी रास्ते में हुए कुछ हादसों में
प्रवासी मजदूर अपनी जान बीते दिनों गंवा चुके हैं.
(Photo: File)