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DSP ने जिस बैचमेट को किया था रेस्क्यू अब उसी ने भिखारी बने आईआईटियन को बचाया

 अंग्रेजी बोलने वाले भिखारी
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एक भीख मांगने वाला शख्स अचानक आपके पास आकर अगर फर्राटेदार अंग्रेजी बोलता हुआ पैसे मांगने लगे तो आप क्या सोचेंगे. कुछ ऐसा ही हुआ मध्यप्रदेश के ग्वालियर में जहां एक बुजुर्ग शख्स सड़कों पर लोगों से अंग्रेजी बोलते हुए भीख मांग रहे थे. 

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कमाल की बात ये है कि वृद्ध की मदद उसी मनीष ने की जिन्हें बीते दिनों उनके बैचमेट रहे डीएसपी ने सड़कों पर ठिठुरते हुए देख कर रेस्क्यू किया था. 

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वृद्ध को इतनी अच्छी अंग्रेजी बोलता देखकर लोग चौंक गए क्योंकि बुजुर्ग की हालत काफी खराब थी लेकिन वो अंग्रेजी कमाल की बोल रहे थे. अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक भीख मांगने वाले बुजुर्ग की उम्र 90 साल से अधिक है और उनका नाम सुरेंद्र वशिष्ठ है. हैरानी की बात ये है कि वो प्रतिष्ठित आईआईटी कानपुर से पासआउट इंजीनियर रहे हैं.

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उन्हें मनीष ने ही एक एनजीओ और पुलिस की मदद से रेस्क्यू किया और जब उन्हें एक आश्रम स्वर्ण सदन पहुंचाया गया तो उनके कुछ बैचमेट ने उन्हें पहचान लिया. एनजीओ के लोगों ने उनके घरवालों से भी बात करने की कोशिश की. जांच करने पर पता चला कि सुरेंद्र वशिष्ठ ने साल 1969 में आईआईटी कानपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी. (सांकेतिक तस्वीर)

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फिलहाल मनीष भी ठीक हैं और वो भी रिकवर कर रहे हैं. मनीष साल 2006 में मध्य प्रदेश पुलिस की नौकरी से टर्मिनेट कर दिए गए थे जबकि उन्हीं के बैच के रत्नेश सिंह वर्तमान में डीएसपी के पद पर पहुंच चुके हैं. रत्नेश सिंह जब एक दिन सड़क से गुजर रहे थे तो उन्होंने अपने बैचमेट मनीष को सड़कों पर ठिठुरते हुए देखा था.

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