मकर संक्रांति के मौके पर देश के कई हिस्सों में खूब पतंगबाजी होती है. इस बार पटना में पीएम मोदी के नाम की पतंग की खूब मांग है. यूं तो बाजार में किस्म-किस्म के पतंगों की बिक्री हो रही है. लेकिन सबसे अधिक बिक्री प्रधानमंत्री मोदी के नाम और उनके चित्र वाली पतंग की हो रही है. मोदी नाम की पतंग बच्चों और बड़ों की पहली पसंद है.
(इनपुट- राजेश कुमार झा)
(फोटो आजतक)
कारोबारियों का कहना है कि इस बार कोरोना के चलते व्यापार पूरी तरह से प्रभावित हुआ है. पतंग कारीगरों के हालात बहुत खराब हैं उनके सामने रोजी-रोटी का संकट है. पहले 100 कारीगर दिन रात पतंग बनाते थे इस बार सिर्फ दो या तीन कारीगर ही पतंग बना रहे हैं.
इस बार पतंग खरीदने वाले भी बहुत कम पतंग से जुडे कारोबारियों का कहना है कि सरकार को इस मामले में दखल देना चाहिए और पतंगबाजी प्रतियोगिताएं सुरक्षित स्थानों पर होनी चाहिए. ऐसा करने से लोगों में पतंगबाजी का क्रेज बढ़ेगा और व्यापार भी.
बिहार सरकार के पर्यटन विभाग की तरफ से 2017 में पतंगबाजी प्रतियोगिता का आयोजन मकर संक्रांति के मौके पर किया गया था. इसी दौरान गंगा नदी के उतरी छोर से दक्षिणी छोर की तरफ आते समय नाव हादसे में 24 लोगों की मौत हो गई थी. जिसके बाद से राज्य सरकार ने पतंगबाजी प्रतियोगिता बंद कर दिया था. जिसकी वजह से व्यापार पर खासा प्रभाव देखने को मिला था.
70 वर्षों से पतंग का कारोबार पटना सिटी में पतंग कारोबारी कर रहे हैं, लेकिन आज के समय में पतंग कारोबारियों का व्यापार घाटे का सौदा हो रहा है. कारीगरों का कहना है कि 12 घंटा काम करने पर बहुत थोड़े पैसे कमा पाता हैं.