अमेरिकी एयर स्ट्राइक में ईरान सेना के शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद अमेरिका और ईरान के बीच तनाव चरम पर है और आज बदले की कार्रवाई करते हुए ईरान ने अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल भी दागे. लेकिन इसी बीच मुस्लिम बहुल देश मलेशिया ने दोनों देशों के बीच ताजा घटनाक्रम को लेकर अमेरिका के खिलाफ सभी मुस्लिम देशों के एकजुट होने की वकालत की है.
मलेशिया के 94 साल के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने ईरान पर अमेरिकी की कार्रवाई को लेकर कहा कि अब वक्त आ गया जब सभी मुस्लिम देशों को एकजुट हो जाना चाहिए. महातिर ने कहा कि इस्लामिक देशों को निशाना बनाया जा रहा है जिससे क्षेत्र में असुरक्षा बढ़ रही है.
बता दें कि ईरान पर कई प्रतिबंधों के बावजूद मलेशिया से उसके रिश्ते अच्छे रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक मलेशिया में करीब 10 हजार ईरानी नागरिक रहते हैं जो वहां कारोबार और अन्य काम करते हैं.
मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद उस वक्त भी विवादों में आए थे जब जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाए जाने को लेकर उन्होंने भारत के खिलाफ बयान दिया था. भारत ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया था.
ईरान ने मंगलवार को बदले की कार्रवाई करते हुए अमेरिकी सैन्य ठिकाने पर हवाई हमला किया, जिसमें 80 अमेरिकी सैनिकों के मारे जाने का दावा किया गया. इस हमले को लेकर ईरान के सर्वोच्च नेता ने इसे अमेरिका के गाल पर तमाचा बताया और वहां के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा है कि वह कमांडर कासिम सुलेमानी के कटे हाथ वाले शव का बदला क्षेत्र से अमेरिका को हटाकर लेंगे.
अब पूरी दुनिया इस बात से आशंकित है कि कहीं इस हमले की प्रतिक्रिया में अमेरिका ईरान पर हमला न कर दे. वैसे तो ये कहा जा रहा है कि अमेरिका के सामने ईरान की सैन्य क्षमता बेहद कमजोर है लेकिन युद्ध हुआ तो खाड़ी देशों की हालत एक बार फिर खराब हो जाएगी.