देश के सबसे चर्चित और इन दिनों राजनीति के केंद्र में आ चुके दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में कुछ नकाबपोश बदमाशों ने रविवार की दोपहर को घुसकर भारी हिंसा की है जिसके बाद वहां चीख पुकार मच गई. नकाबपोश बदमाशों के हमले में कई छात्रों को गंभीर चोट आई है. घायल छात्रों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
जेएनयू कैंपस के भीतर इस अप्रत्याशित हमले को लेकर जेएनयू छात्र संघ (JNUSU) ने दावा किया है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने हिंसा को अंजाम दिया है. इस हिंसा के दौरान जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) अध्यक्ष आइशी घोष पर भी हमला किया गया.
जेएनयूएसयू ने दावा किया कि साबरमती और अन्य हॉस्टल में एबीवीपी ने प्रवेश कर छात्रों की पिटाई की. इसके साथ ही एबीवीपी की ओर से पथराव और तोड़फोड़ भी की गई. हालांकि तोड़फोड़ करने वाले लोगों ने चेहरे पर नकाब पहना हुआ था.
वहीं भारतीय विद्यार्थी परिषद से इस हमले का जिम्मेदार लेफ्ट छात्र संगठन को जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि पिटाई की वजह से ABVP के कई कार्यकर्ताओं को गंभीर चोट आई है.
ABVP का कहना है कि जेएनयू में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े छात्रों पर लेफ्ट के छात्र संगठनों एसएफआई, आइसा, डीएसएफ से जुड़े लोगों ने हमला किया है. इस हमले में करीब 15 छात्रों को गंभीर चोटें आई हैं. वहीं अभी तक लगभग 11 छात्रों का कोई सुराग नहीं मिला है कि वे किस हालात में हैं. अलग-अलग छात्रावासों में एबीवीपी से जुड़े छात्रों पर हमला किया जा रहा है और हॉस्टलों की खिड़कियों दरवाजे को लेफ्ट के लोगों ने बुरी तरह से तोड़ दिया है.
इस घटना के बाद घायलों को अस्पताल में इलाज के लिए जेएनयू कैंपस में सात एंबुलेंस भेजी गई है और वहां भारी संख्या में दिल्ली पुलिस के जवान पहुंच गए हैं. दिल्ली पुलिस जेएनयू गेट के बाहर मौजूद है और घायलों को निकालने में जुटी हुई है.
कैंपस में इस हमले को लेकर JNU प्रशासन ने कहा कि शुक्रवार दोपहर करीब 1 बजे छात्रों का एक समूह जो अपना चेहरा ढके हुए थे वो सूचना प्रणाली के केंद्र में जबरन घुसे. उन्होंने बिजली की सप्लाई को बंद कर दिया. सभी तकनीकी कर्मचारियों को जबरन बाहर निकाल दिया और सर्वर को बंद कर दिया और तोड़फोड़ शुरू कर दी.
प्रशासन ने बताया कि इसके कारण रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी प्रभावित हुई. विश्वविद्यालय उन आंदोलनकारियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगा, जिन्होंने हजारों छात्रों को भारी कष्ट पहुंचाया है और हिंसा की.