देश में लगातार बढ़ती हुई टेक्नोलॉजी के बीच राजस्थान का एक क्षेत्र ऐसा भी है, जो इस राह में काफी पीछे छूट गया है. प्रदेश का यह क्षेत्र आज 21वीं सदी के डिजिटल इंडिया के सपनों को ठेंगा दिखा रहा है. जहां देश को डिजिटल इंडिया बनाने को लेकर भरसक प्रयास किए जा रहे हैं. वहीं, राजस्थान के दौसा मुख्यालय से सिर्फ 30 किलोमीटर दूरी पर मौजूद रानोली के पास सर्र, धौंण गांव सहित लगभग एक दर्जन से अधिक ऐसे गांव हैं. जहां आज तक कोई भी मोबाइल नेटवर्क नहीं पहुंच सका है.
(इनपुट: संदीप मीणा)
इस क्षेत्र में आपात स्थिति या फिर किसी रिश्तेदार-परिचित से मोबाइल से बात करनी है तो ग्रामीणों को गांव की पहाड़ी पर चढ़ना पड़ता है या फिर गांव से 10 किलोमीटर दूर जाकर बात हो पाती है. गांव में ग्रामीणों ने कुछ जगह चिह्नित कर रखी है जहां पर नेटवर्क आने की संभावना रहती है. यहां पहुंचने पर भी इस बात की गारंटी नहीं रहती कि बात हो ही जाएगी.
मोबाइल नेटवर्क के अभाव की वजह से स्वास्थ्य विभाग और स्कूल संचालकों को सूचना लेने और देने में काफी परेशानी होती है. यह क्षेत्र राजस्थान सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश और उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा का विधानसभा क्षेत्र है. ग्रामीणों का कहना है कि राजस्थान सरकार में इस क्षेत्र से मंत्री होने के बावजूद विकास आज तक लापता है.
ग्रामीण इस बात को लेकर काफी गुस्सा हैं कि चुनावों के दौरान यहां कई नेता आए और मोबाइल नेटवर्क लाने के वादे भी करके गए. लेकिन आजतक नेटवर्क का कुछ नहीं हुआ. मोबाइल नेटवर्क नहीं होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस इलाके में वारदात या दुर्घटना होने पर तत्काल पुलिस को सूचित करना तो नामुमकिन है.