संगम नगरी प्रयागराज में इन दिनों माघ मेला लगा हुआ है जहां साधु महात्मा बड़ी तादाद में आते हैं और भक्ति उपासना करते हैं. लेकिन इस बार ये मेला संतों के अनूठे नामों की वजह से चर्चा में आया हुआ है.
वैसे तो संतों की कोई जाति,धर्म नहीं होता. जो नाम उनके गुरु से उन्हें मिलता है उसी से उनकी पहचान होती है. माघ मेले में इस बार ऐसे ही अनोखे नाम वाले हिटलर बाबा, ट्रम्प बाबा की खूब चर्चा है.
हिटलर बाबा को ये नाम उनके गुरु ने दिया. उनके काम से खुश होकर एक बार हिटलर पुकारा तो वो इसी नाम से मशहूर हो गए. हिटलर बाबा कहते हैं कि उनको जो भी काम मिलता उसे पूरी ईमानदारी से निभाते और गुरु के आदेश का पालन करते हैं. इसी गुण से प्रसन्न होकर गुरु ने उन्हें ये नाम दिया.
ट्रम्प का युग अमेरिका में भले ही खत्म हो गया हो लेकिन प्रयागराज में ट्रम्प बाबा के ही चर्चे हैं. ट्रम्प बाबा अपने आश्रम की पूरी जिम्मेदारी उठाते हैं और अभी वहां भण्डारे का काम देख रहे हैं. वो मल्टीटास्किंग में निपुण हैं. हालांकि ये नाम उनके गुरु ने उनकी पर्सनैलिटी के आधार पर दिया. लेकिन ट्रम्प हैं कौन? इससे वो दोनों ही अनभिज्ञ हैं.