शादी के बाद घर की जिम्मेदारी संभालते हुए कई साल बीत गए. कल्पना की दोनों बेटियां 10वीं कक्षा में पहुंच गईं. कई साल बाद फिर कल्पना की पढ़ाई करने की इच्छा जागी और उसने अपनी उम्र से हार नहीं मानी.
अपनी बेटियों के साथ छात्रा बनकर मां कल्पना ने कॉलेज में दाखिला लिया. चंद्रपुर के जीवती तहसील के प्रियदर्शनी कनिष्ठ महाविद्यालय की वो छात्रा बनीं. बेटियों ने भी अपनी मां को पढ़ाई में हर संभव मदद की और परिवार वालों ने भी खूब साथ दिया.
रिजल्ट आने पर जुड़वां बेटियों के साथ मां ने भी 58 प्रतिशत अंक लाकर 12वीं की परीक्षा में सफलता हासिल की. कल्पना की जुड़वां बेटियों ने भी 62 प्रतिशत और 56 प्रतिशत अंक लाकर 12वीं की परीक्षा पास की. 12वीं के बाद अब वो आगे की पढाई कर शिक्षिका बनना चाहती हैं.