जीवन एक रंगमंच है और हम सब कठपुतलियां, जिसकी डोर ऊपर वाले के हाथ में है. फिल्म आंनंद का यह मशहूर संवाद गुजरात से राजस्थान के माउंट आबू घूमने आए जगदीश के लिए हकीकत बन गया. दोस्तों के साथ नाचते, हंसते, खिलखिलाते जगदीश कुछ ही पलों में सब को अलविदा कह गए और उनका यह आखरी पल मोबाइल में कैद होकर रह गया.