इन दिनों इंटरनेट पर मैना पक्षी का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसने सोशल मीडिया पर प्रदूषण और उसके गंभीर परिणामों को लेकर बहस छेड़ दी है. अफरोज शाह नाम के ट्विटर यूजर ने प्लास्टिक के पैकेट में सिर फंस जाने के बाद जीवन के लिए संघर्ष कर रही मैना का 19 सेकेंड का वीडियो साझा किया था.
वीडियो में जैसा कि आप देख सकते हैं कि कैसे मैना एक प्लास्टिक के पैकेट के अंदर फंस गयी थी, उसने खुद को प्लास्टिक से मुक्त करने की हर संभव कोशिश की. इसी बीच एक व्यक्ति ने मैना को देखा और उसके सिर से पैकेट हटाकर उसकी जान बचा ली.
इस वीडियो को शेयर करते हुए अफरोज शाह ने कैप्शन में लिखा कि प्लास्टिक प्रदूषण के कारण पशु और पक्षी बेहद पीड़ित हैं.
यहां देखिए वीडियो
A Myna bird - in a forest- trapped in a snacks packet - single use multi layer packaging (MLP ).
— Afroz shah (@AfrozShah1) August 19, 2021
Produce, Buy , Eat and litter .
Our volunteer freed it in the SGNP forest.
And then these hapless species fight to live on.@RandeepHooda @UNEP @PoojaB1972 pic.twitter.com/WPXl6kupIE
वीडियो को लेकर जानकारी देते हुए बताया गया कि जंगल में मैना स्नैक्स के पैकेट में फंस गई. उन्होंने कहा सिंगल यूज़ मल्टी लेयर पैकेजिंग वाले उत्पाद लोग खरीदकर खाते हैं और खाली पैकेट को कहीं भी फेंक देते हैं. इस प्रदूषण से ये असहाय प्रजातियां जीने के लिए लड़ती हैं.
इस वीडियो को अब तक हजारों लोग देख चुके हैं और इस पर अपनी प्रतिक्रिया भी दे रहे हैं. एक यूजर ने वीडियो पर कमेंट करते हुए लिखा, 'स्नैक्स पैकेट फेंकने से उस समय हम पर कोई असर नहीं पड़ेगा लेकिन यह हमारे स्वभाव और अन्य प्रजातियों को प्रभावित करेगा और आगे यह हमारे बच्चों को भी प्रभावित करेगा.
एक अन्य सोशल मीडिया यूजर ने लिखा, ''यह प्लास्टिक द्वारा पक्षियों और जानवरों को हो रहे नुकसान का जीवंत उदाहरण है. अब, प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ एक स्टैंड लेने का समय आ गया है. प्लास्टिक प्रदूषण को हराना होगा."
बता दें कि प्रदूषण की समस्या सिर्फ धरती ही नहीं बल्कि समुद्र और पहाड़ों के लिए भी अब बड़ी मुसीबत बनते जा रहे हैं. हाल ही में यूएन के इंटर गवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (IPCC) ने एक रिपोर्ट जारी की थी कि अगले 20 सालों में धरती का औसत तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ जाएगा. ऐसा सिर्फ इंसानों द्वारा फैलाए जा रहे प्रदूषण की वजह से हो रहे जलवायु परिवर्तन के कारण होगा.