न्यूजीलैंड ने 8 जून को खुद को कोरोना मुक्त घोषित किया था. लेकिन एक हफ्ते बाद ही देश में दो नए मामलों का पता चला. लेकिन दो केस आने पर ही न्यूजीलैंड बेहद सख्त हो गया है. प्रधानमंत्री जसिंडा अर्डर्न ने वो गलती स्वीकार कर ली है जिसकी वजह से न्यूजीलैंड में फिर से कोरोना का खतरा पैदा हुआ.
असल में ब्रिटेन से 2 महिलाएं न्यूजीलैंड आई थीं. उन्होंने बीमार रिश्तेदार से मिलने के लिए न्यूजीलैंड आने की इजाजत मांगी थी. उन्हें 14 दिनों तक क्वारनटीन के लिए एक होटल में रहना था. लेकिन 14 दिन पूरा किए बिना ही उन्हें होटल से जाने की इजाजत दे दी गई.
न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जसिंडा अर्डर्न ने कहा है कि अब किसी को भी सहानुभूति के आधार पर क्वारनटीन से बाहर जाने की इजाजत नहीं मिलेगी. जसिंडा ने कहा कि जो हुआ उसे दोहराया नहीं जाएगा. ब्रिटेन से आईं दोनों महिलाओं को सहानुभूति के आधार पर ही 14 दिन से पहले बाहर जाने की इजाजत मिली थी.
होटल से निकलकर दोनों महिलाओं ने ऑकलैंड से वेलिंगटन तक 650 किमी का सफर कार से तय किया. अब इसकी वजह से सैकड़ों लोगों पर कोरोना का खतरा पैदा हो गया है. प्रशासन अब ऐसे हर व्यक्ति की तलाश कर रहा है जो दोनों महिलाओं के संपर्क में आए थे. अब तक 320 लोगों की पहचान कर ली गई है.
न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जसिंडा अर्डर्न ने कहा कि बिना जांच के दोनों महिलाओं को क्वारनटीन से बाहर जाने की इजाजत देना सिस्टम की असफलता है. ये अस्वीकार्य है. बता दें कि कोरोना मुक्त हुए न्यूजीलैंड में दो नए केस सामने आने के बाद विपक्षी पार्टी स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रही है. इससे पहले कोरोना मुक्त होने पर देश के भीतर तमाम पाबंदियां हटा दी गई थीं और लोगों ने सेलिब्रेट भी किया था.
जसिंडा अर्डर्न ने अब क्वारनटीन फैसिलिटी में नियमों का पालन कराने के लिए मिलिट्री की तैनाती करने का फैसला किया है. बता दें कि इससे पहले 24 दिन तक न्यूजीलैंड में कोरोना का एक भी नया केस सामने नहीं आया था.
आठ जून को प्रधानमंत्री जसिंडा अर्डर्न ने कहा था कि आखिरी मरीज के अस्पताल से छुट्टी
मिलने की खबर सुनकर इतनी खुशी मिली कि उन्होंने बेटी के संग थोड़ा डांस भी
किया.