सेंट्रल जेल तिहाड़ के पूर्व जेलर सुनील गुप्ता ने बताया कि अपने वक्त में उन्होंने तिहाड़ में 7 फांसी देखी हैं. उनका दावा है 1982 में जब रंगा और बिल्ला को फांसी के तख्ते पर लटकाया गया था, तब 2 घंटे बाद भी रंगा की पल्स चल रही थी. बाद में रंगा के फंदे को नीचे से खींचा गया और उसकी मौत हुई.