निर्भया गैंगरेप केस के दोषी मुकेश सिंह की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोई सबूत नहीं है कि प्रासंगिक दस्तावेज राष्ट्रपति के सामने नहीं रखे गए थे. मुकेश ने अपनी दया याचिका खारिज करने के लिए खिलाफ अर्जी दाखिल की थी.
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अब निर्भया गैंगरेप केस के चारों दोषी अक्षय, विनय, पवन और मुकेश के पास सीमित कानूनी विकल्प रह गए हैं. इसमें से मुकेश के चारों कानूनी विकल्प खत्म हो गए हैं जबकि बाकी तीनों के पास अभी भी फांसी से बचने के विकल्प मौजूद हैं.
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मंगलवार को मुकेश की वकील अंजना प्रकाश ने कहा था कि राष्ट्रपति के सामने कई दस्तावेज नहीं रखे गए थे, इसलिए दया याचिका खारिज होने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट को विचार करना चाहिए. अपनी वकील के जरिए मुकेश ने कहा था कि उसका जेल में यौन उत्पीड़न हुआ था और उसके भाई राम सिंह की हत्या की गई थी.
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फैसला आने के बाद निर्भया की मां ने कहा कि अब मुझे उम्मीद है कि पूरा इंसाफ मिलेगा. मुजरिम कानून का दुरुपयोग कर रहे हैं. मुकेश की याचिका खारिज होने से अब मुझे 1 फरवरी को दोषियों की फांसी की उम्मीद है.
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बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट ने पिछले दिनों चारों दोषियों को पहले 22 जनवरी सुबह 7 बजे फांसी पर लटकाने की तारीख तय की थी, लेकिन इसके बाद दोषी मुकेश सिंह ने राष्ट्रपति के सक्षम दया याचिका लगा दी थी. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा निर्भया के दोषी मुकेश सिंह की दया याचिका खारिज होने के बाद कोर्ट ने नया डेथ वारंट जारी किया. चारों दोषियों को अब 1 फरवरी की सुबह 6 बजे फांसी पर लटकाया जाएगा.