उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में हवाई अड्डे के विस्तार को लेकर 10,000 से अधिक पेड़ों की प्रस्तावित कटाई के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है. रविवार को देहरादून हवाई अड्डे के बाहर सैकड़ों लोग एकत्र हुए. हाथों में 'थानो बचाओ' की तख्तियां पकड़े हुए ये प्रदर्शनकारी पेड़ों को गले लगाते देखे गए.
उत्तराखंड सरकार द्वारा 243 एकड़ वन भूमि को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) को हस्तांतरित करने के लिए राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की मंजूरी लेने के बाद प्रदर्शन शुरू हो गया था. अगर ऐसा होता है तो देहरादून के जॉली ग्रांट हवाई अड्डे के विस्तार के लिए थानो रेंज में 10,000 से अधिक पेड़ों को काटा जा सकता है.
विस्तार के प्रस्ताव को लेकर फैसले का बचाव करते हुए, राज्य सरकार ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) से देहरादून हवाई अड्डे की निकटता का हवाला दिया. उत्तराखंड सरकार ने कहा कि जॉली ग्रांट हवाई अड्डे का रणनीतिक महत्व है क्योंकि यह उत्तराखंड चीन सीमा के करीब है.
इस साल जून में, उत्तराखंड राज्य वन्यजीव सलाहकार बोर्ड ने संरक्षित गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान के भीतर 73 हेक्टेयर वन भूमि के हस्तांतरण की मंजूरी दी थी. इस क्षेत्र का उपयोग तीन रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सड़कों के निर्माण के लिए किया जाएगा जो भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की भारत-चीन सीमा तक आवाजाही को आसान बनाएगी.
वर्तमान में, देहरादून के जॉली ग्रांट हवाई अड्डे पर रनवे 2,140 मीटर लंबा है. एक नया टर्मिनल भी बनाया जा रहा है जिसके अक्टूबर 2021 तक पूरा होने की संभावना है, एएआई ने प्रस्ताव दिया है कि रनवे की लंबाई 2,765 मीटर तक बढ़ाई जाए.