जिस वैक्सीन का WHO, भारत सहित अन्य देश बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं और कई जगहों पर उत्पादन का काम भी शुरू हो चुका है, अब उसी से जुड़े वैज्ञानिक ने उम्मीद आधी कर दी है. ब्रिटिश अखबार टेलिग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन डेवलपमेंट टीम का नेतृत्व करने वाले वैज्ञानिकों में शामिल एड्रियन हिल ने कहा है कि वैक्सीन ट्रायल के सफल होने की उम्मीद 50 फीसदी ही है.
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के जेनर इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर एड्रियन हिल ने कहा कि आने वाले ट्रायल में 10 हजार वॉलेंटियर्स को शामिल किया जा रहा है. लेकिन हो सकता है कि इससे कोई रिजल्ट ना मिले क्योंकि ब्रिटेन में तेजी से कोरोना वायरस के मामले घट रहे हैं और संक्रमण दर में कमी आ रही है.
एड्रियन हिल ने कहा कि यह गायब हो रहे वायरस और समय के साथ दौड़ लगाने जैसा है. इस पल यही लग रहा है कि 50 फीसदी आशंका है कि हमें कोई परिणाम ना मिले.
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ChAdOx1 nCoV-19 नाम की वैक्सीन पर काम कर रही है. दुनियाभर में ऐसा समझा जा रहा है कि ये वैक्सीन अन्य वैक्सीन के मुकाबले आगे चल रही है.
एड्रियन हिल की टीम ने अप्रैल में ही इंसानों पर प्रारंभिक ट्रायल शुरू कर दिया था. दुनियाभर में इतनी जल्दी इंसानी ट्रायल शुरू किए जाने वाली कुछ ही वैक्सीन हैं.
जनवरी में एक छोटे से लैब प्रोजेक्ट के तहत इस वैक्सीन पर काम शुरू किया गया था जब सिर्फ चीन में मामले सामने आए थे. लेकिन करीब 4 महीने बाद न सिर्फ ब्रिटेन बल्कि दुनियाभर की निगाहें इस वैक्सीन पर हैं.
इसी हफ्ते AstraZeneca नाम की दवा कंपनी ने ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन के 40 करोड़ डोज तैयार करने के लिए अमेरिका के साथ 1.2 बिलियन डॉलर का करार किया है. वहीं, ब्रिटिश सरकार 10 करोड़ डोज की रकम देने के लिए तैयार हो गई है. ब्रिटेन के लोगों को उम्मीद है कि उनके लिए सितंबर तक 3 करोड़ वैक्सीन के डोज तैयार हो जाएंगे.