पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की हालत कैसी है यह किसी से छुपी हुई नहीं है. वहां आए दिन हिंदू और ईसाई लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन करवाकर उनसे जबरदस्ती शादी कर लेने की खबरें आती रहती हैं. लेकिन पाकिस्तान के फैसलाबाद में जो हुआ है वो जानकर आप हैरान और परेशान हो जाएंगे. (सभी तस्वीरें सांकेतिक हैं)
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के फैसलाबाद में महज 12 साल की एक ईसाई बच्ची का जबरन धर्म परिवर्तन करवाया गया और मुसलमान बनाकर उसे शादी के लिए मजबूर किया गया. आरोपियों ने इसके लिए बच्ची का अपहरण तक कर लिया. पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदू, सिख और ईसाई महिलाओं को लगातार इस तरह के हालात का सामना करना पड़ता है. रिपोर्ट के मुताबिक 12 साल की फराह बीते साल 25 जून को अपने दादा के साथ फैसलाबाद में अपने घर में थी. अचानक किसी ने दरवाजा खटखटाया. उसने जैसी ही दरवाजा खोला तीन लोग उसे उठाकर सीधे वैन में डालकर वहां से फरार हो गए. उस वक्त फराह के पिता अपने काम पर गए हुए थे.
फराह के परिवार के मुताबिक बच्ची को अगवा करने वालों ने धमकी दी थी कि अगर उन्होंने छुड़ाने की कोशिश की तो अंजाम बेहद बुरा होगा. इसके बाद फराह के पिता ने नजदीकी पुलिस स्टेशन में जाकर शिकायत दर्ज कराई और उसके दादा ने अगवा करने वाले अपराधियों के नाम भी दिए थे. परिवार ने आरोप लगाया कि उस वक्त पुलिस ने इस मामले में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई और ना ही एक्शन लिया. फराह के पिता ने कहा कि उन्हें अधिकारियों ने गाली दी और थाने में धक्का दे दिया.
एक तरफ फराह के घर वाले अपनी बेटी को लेकर परेशान थे वहीं दूसरी तरफ अपहरणकर्ता बच्ची को वहां से 110 किलोमीटर दूर हाफिजाबाद ले गए जहां उसे बेड़ियों से जकड़ कर रखा गया था और उसके साथ कई बार रेप किया गया. फराह ने बताया कि उसे रस्सियों और जंजीरों से बांधकर रखा जाता था और घर के सभी काम करवाए जाते थे. फराह के मुताबिक उसे मुस्लिम धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया गया और इसके बाद एक अपहरणकर्ता से शादी करवा दी गई. पाकिस्तान में शरिया कानून के मुताबिक अगर लड़का और लड़की की उम्र 16 साल कम भी है तो उनकी शादी को जायज माना जाता है.