पाकिस्तान और अमेरिका के खराब होते रिश्तों में एक बार फिर गर्माहट आने लगी है. पेंटागन के एक शीर्ष अधिकारी ने सांसदों को बताया कि पाकिस्तान ने अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान में उपस्थिति का समर्थन करते हुए ओवरफ्लाइट और पहुंच की अनुमति दे दी है.
इंडो-पैसिफिक अफेयर्स के सहायक रक्षा सचिव डेविड एफ हेल्वे ने भी शुक्रवार को सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति के सदस्यों से कहा कि पड़ोसी युद्ध में शांति प्रक्रिया का समर्थन करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका के कारण अमेरिका पाकिस्तान के साथ अपनी बातचीत जारी रखेगा.
हेल्वे ने कहा कि पाकिस्तान ने अमेरिका को अफगानिस्तान में अपनी सैन्य उपस्थिति का समर्थन करने में सक्षम होने के लिए ओवरफ्लाइट और पहुंच की अनुमति दी है. उन्होंने अफगानिस्तान पर सीनेट सशस्त्र सेवा समिति की सुनवाई के दौरान सीनेटर जो मैनचिन को जवाब देते हुए कहा, "पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और उन्होंने अफगान शांति प्रक्रिया का समर्थन किया है."
पेंटागन के अधिकारी ने कहा, "हम पाकिस्तान के साथ अपनी बातचीत जारी रखेंगे क्योंकि उनका समर्थन और अफगानिस्तान के भविष्य में उनका योगदान, वहां शांति के लिए महत्वपूर्ण होने वाला है."बता दें कि पिछले महीने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस साल 11 सितंबर तक अफगानिस्तान से सभी सैनिकों को वापस बुलाने की घोषणा की थी. सीनेट सशस्त्र सेवा समिति के अध्यक्ष सीनेटर जैक रीड ने कहा कि राष्ट्रपति के फैसले को बदलाव के रूप में देखा जाना चाहिए.
उन्होंने कहा, "इसका मतलब हमारे आतंकवाद विरोधी प्रयासों का अंत नहीं है. हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अफगानिस्तान विशेष रूप से हमारी मातृभूमि के खिलाफ दुनिया भर में आतंकवादी हमलों की योजना, साजिश का स्रोत नहीं होगा. पिछले 20 वर्षों में बड़ी प्रगति के बावजूद, अल-कायदा, आईएसआईएस और अन्य आतंकवादी समूहों से खतरा अभी भी बना हुआ है.