इस साल जनवरी से अब तक जम्मू-कश्मीर में करीब 100 आतंकी घटनाएं हो चुकी हैं. इन घटनाओं में 44 भारतीय जवान शहीद हुए हैं और 31 आम नागरिकों की मौत हुई है. वहीं, 170 से ज्यादा आतंकियों को भारतीय सुरक्षाबलों ने इसी दौरान मार गिराया है. मुद्दा ये उठता है कि आखिरकार आतंकियों को ये हथियार भारतीय सीमा के अंदर कैसे मिलते हैं? पाकिस्तान इनकी स्मगलिंग कराता है. आइए जानते हैं पाकिस्तान के स्मगलिंग के तरीकों को.
पाकिस्तान का भारतीय सीमा के पास यानी लाइन ऑफ कंट्रोल के पास हथियारों को डंप कर देता है. उन्हें किसी खास जगह पर छिपा देता है. जहां से सीमा पार कर काम करने वाले मजदूर उनकी स्मगलिंग करते हैं. इस बात की पुष्टि भारतीय सेना ने मंगलवार को की.
ये जानकारी भारतीय सेना को तब मिली जब सेना ने आतंकियों को दो ठिकानों का खुलासा किया. ये ठिकाने बारामूला जिले में एलओसी के पास थे. यहां से भारतीय सेना ने भारी मात्रा में हथियारों का जखीरा बरामद किया. हथियारों को नदियों और सुरंगों के सहारे सीमा पार कराया जाता है.
हाल ही में रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने बताया था कि बारामूला के रामपुर सेक्टर में LOC के पास 30 अगस्त को कुछ संदिग्ध गतिविधियां देखी गई थीं. इसके बाद सेना ने उस इलाके में अपनी निगरानी बढ़ा दी. सेना ने LOC के पास के गांव में लगातार बढ़ रही गतिविधियों पर नजर रखी.
उस गांव में दिखाई पड़ा कि कुछ लोग सीमा पार करके आए हैं. 31 अगस्त की सुबह 5 बजे एक सर्च की गई. सात घंटे की तलाश के बाद आतंकियों के दो ठिकानों से भारी मात्रा में हथियारों का जखीरा मिला. पाकिस्तान से हथियारों की स्मगलिंग का पता तप जाकर चला.
इस जखीरे में पांच AK-47, 6 मैगजीन, 1254 राउंड गोलियों से भरे दो बक्से, 6 पिस्टल, नौ मैगजीन, 21 हैंडग्रैनेड, 2 यूजीबीएल ग्रेनेड, 2 केनवुड रेडियो सेट और एक एंटीना मिला. इन हथियारों को देख कर ऐसा लगता है कि आतंकी किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की तैयारी में थे. इससे पहले पिछले महीने भी ऐसी कोशिश की गई थी.
पाकिस्तान में बैठे आतंकी नदियों के किनारे से, सीमा में सुरंगें बनाकर या फिर अस्थाई रूप से काम करने वाले मजदूरों के जरिए हथियारों की स्मगलिंग करते हैं. इसका फायदा भारत में घुसपैठ कर चुके आतंकियों को मिलता है. लेकिन भारतीय सेना की सतर्कता के कारण ज्यादातर समय आतंकियों और पाकिस्तान के मंसूबों पर पानी फिर जाता है.