जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने को लेकर उपजे तनाव के बाद पाकिस्तान ने भारत से सभी कारोबारी रिश्ते तोड़ने का फैसला कर लिया था लेकिन अब खुद पाकिस्तान की इस फैसले पर अकड़ ढीली पड़ गई है. पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने भारत से पोलिया मार्कर आयात करने का फैसला लिया है. पाकिस्तान को मजबूरी में ऐसा इसलिए करना पड़ रहा है क्योंकि दूसरे देशों से आयात के मुकाबले पाकिस्तान को भारत से काफी सस्ते में पोलियो मार्कर और दवाएं मिल जाती है.
इमरान खान की कैबिनेट ने भारत से पोलियो मार्कर के आयात के लिए वहां की कंपनियों और स्वास्थ्य विभाग को सिर्फ एक बार अनुमति देने का निर्णय लिया है क्योंकि इससे कम से कम 89 दवाओं की कीमतों में 15 फीसदी कीमत की कमी आएगी.
इस फैसले के बाद पाकिस्तान में आपातकालीन संचालन केंद्र के राष्ट्रीय समन्वयक डॉ राणा सफदर ने कहा, “2018 की मूल्य निर्धारण नीति के अनुसार 89 दवाओं की कीमतों में कमी की गई है क्योंकि बाजार में लॉन्च होने के तीन साल बाद इनोवेटर दवाओं की कीमतों में 10pc की कमी की जानी होती है. सभी पहलुओं पर विचार करने के पोलियो के लिए हमने 15pc की कीमतों में कमी करने का फैसला किया.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा निर्धारित मानक संचालन प्रक्रियाओं के अनुसार बच्चों को पोलियो वैक्सीन देने के बाद मार्कर का उपयोग किया जाता है. 'भारत और चीन में केवल दो डब्ल्यूएचओ के मानक के अनुसार इसके निर्माता हैं, जो गैर विषैले मार्करों का निर्माण करते हैं क्योंकि बच्चे स्याही को निगल सकते हैं. डॉ राणा सफदर ने कहा डब्ल्यूएचओ हमारे लिए मार्करों की खरीद करता है और पहले संगठन की तरफ से चीन से मार्करों को खरीदा गया था, मार्करों की गुणवत्ता के साथ समस्या थी. हमने एक शिकायत दर्ज की थी कि पोस्ट-मॉनिटरिंग टीम की यात्रा से पहले निशान फीके पड़ जाते हैं.
उन्होंने कहा डब्ल्यूएचओ ने भारत से खरीद शुरू की थी और प्रतिबंध की घोषणा से पहले, इसने निर्माता को 800,000 मार्करों के लिए आदेश दिया था, लेकिन प्रतिबंध के कारण स्टॉक वितरित नहीं किया जा सका. लेकिन अब प्रतिबंध हटाने के फैसले के कारण हमें मार्कर मिल जाएंगे. इस बीच, चीनी निर्माता से हमें गुणवत्तापूर्ण मार्कर प्रदान करने के लिए भी संपर्क किया गया है.
जब पाकिस्तान ने भारत से मार्कर आयात करने का फैसला किया है तो यहां यह जानना जरूरी है कि इस्लामाबाद ने 9 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 और 35A को निरस्त करने के मोदी सरकार के फैसले की प्रतिक्रिया के रूप में भारत के साथ सभी प्रकार के व्यापार को निलंबित कर दिया था.