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यहां बूंद-बूंद पानी को तरस रहे लोग, जान जोखिम में डालकर बुझा रहे प्यास

सांकेतिक तस्वीर
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इन दिनों भीषण गर्मी का मौसम है. इस दौरान देश के कई इलाके भीषण जल संकट के चपेट में आ जाते हैं. महाराष्ट्र के अमरावती जिले में भी जलसंकट का मामला सामने आया है. यहां हालत ये है कि लोग अपनी जान जोखिम में डालकर दूषित पानी से अपनी प्यास बुझा रहे हैं.

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दरअसल, अमरावती का मेलघाट गर्मी के मौसम में जलसंकट से जूझता है, मेलघाट के चिखलदरा तहसील के गांव में लोग बूंद-बूंद पानी के लिए भटकते नजर आ रहे हैं. यहां लोग पहाड़ों से नीचे उतर कर लोग एक कुएं से पानी इकठ्ठा कर रहे हैं. पहाड़ों के बीच भी दूषित पानी निकल रहा है. चिखलदरा के एकझिरा गांव में पानी के लिए महिलाएं और बच्चे लगातार जान जोखिम में डाल रहे हैं.

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गांव में पहाड़ों के बीच स्थित कुआं ही ग्रामीणों के लिए पानी का एकमात्र स्रोत है. यहां से पानी निकालने के लिए लोग नीचे उतरते हैं. उतरने के बावजूद भी कई बार पानी निकालना आसान नही होता है. पानी के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है, जो पानी मिलता है वो भी दूषित रहता है. इस पानी को लोग किसी तरह साफ करते हैं, फिर इसी पानी को लोग पीते हैं.

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इस गांव की महिलाएं और बच्चे हर रोज दिन कुंए से पानी निकालने जाते हैं. जितना इस पहाड़ी से नीचे उतरना कठिन है उससे ज्यादा खतरनाक इस पहाड़ी की चढ़ाई है. पानी से भरे बर्तन लेकर पहाड़ों पर चढ़ना जोखिम भरा है, लेकिन पानी की जरुरत पूरी करने के लिए एकझिरा के ग्रामीण खतरा मोल ले रहे हैं.

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एकझिरा गांव की महिला शांति कहती हैं कि हम रोज पानी भरते है, यहां से पानी इकठ्ठा करना खतरे का काम है. पहाड़ों में चढ़ते और उतरने समय कभी-कभी पैर भी फिसल जाता है. उन्होंने बताया कि ये पानी पूरी तरह से गंदा होता है. गांव के ही रामलाल धांडे का कहना है हमारी जिंदगी गुजर गई लेकिन पानी कि यह समस्या हल नही हुई, गांव में पानी की टंकी बनाई गई है लेकिन आज तक वहां उसमें बूंद भी पानी नही आया है.

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