प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले चार साल में विदेश यात्रा के दौरान चौथी बार मस्जिद में गए. साथ ही चार दिनों में दूसरी बार मस्जिद पहुंचे. सबसे हाल में वे शनिवार को सिंगापुर दौरे पर चिलुया मस्जिद में गए जहां उनके साथ सिंगापुर की संस्कृति मंत्री ग्रेस यीन भी मौजूद थीं. इस मस्जिद को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा हासिल है. यह सिंगापुर की सबसे पुरानी (192 साल की) मस्जिद भी है.
इससे पहले वे इंडोनेशिया के इस्तकलाल मस्जिद गए थे. इस्तकलाल दक्षिण पूर्व
एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद है. इस दौरान उनके साथ इंडोनेशिया के राष्ट्रपति
विडोडो जकार्ता भी मौजूद थे.
फरवरी 2018 में मोदी ओमान के मस्कट में सुल्तान कबूज ग्रांड मस्जिद में गए थे.
इससे पहले अगस्त 2015 में मोदी यूएई के मंत्री शेख हमदान बिन मुबारक अल नहयन के साथ अबू धाबी के शेख जैयद ग्रांड मस्जिद में गए थे.
सितंबर 2017 में मोदी जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ अहमदाबाद में
16वीं सदी में बने सिदी सैयद की जाली मस्जिद में गए थे.
मोदी प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के दरगाह में भी चादर भेजते रहे हैं. पिछले साल प्रधानमंत्री की ओर से केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने चिश्ती के 805वें उर्स के अवसर पर दरगाह में चादर चढ़ाई थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सितंबर 2017 में म्यांमार यात्रा के दौरान बादशाह बहादुर शाह जफर की मजार पर गए थे. पीएम ने मजार पर फूल भी चढ़ाए और इत्र भी छिड़का था.
हालांकि, सितंबर 2011 में गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए मोदी ने मुस्लिम
टोपी पहनने से इनकार कर दिया था. यह घटना काफी चर्चा में रही थी.
सिंगापुर दौरे पर मोदी प्रसिद्ध मरियम्मन मंदिर भी गए थे.
पीएम सिंगापुर के प्रसिद्ध बुद्ध टूथ रेलिक टेंपल भी पहुंचे थे.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा था कि पीएम मोदी ने
सांस्कृतिक रिश्तों को मजबूती देते हुए सिंगापुर के सबसे पुराने हिंदू
मंदिर में पूजा की.