मजदूर लालेश का कहना है कि लॉकडाउन में कामगार प्रवासी मजदूरों को रोज़ी रोटी छीन गई, काम बंद हो गया. जिससे ज्यादातर मजदूर अपने घरों की ओर रुख करने लगे, कुछ लोग पैदल, साइकिल, ट्रकों और बसों से निकल पड़े लेकिन हम 11 लोग जुगाड़ करके किसी तरह घर की ओर निकले. इस तरह की सवारी को देशी भाषा में जुगाड़ कहते हैं.