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एयरपोर्ट पर रह गई ढाई करोड़ की पेंटिंग, सफाईकर्मी ने समझा कूड़ा और...

एयरपोर्ट पर ढाई करोड़ की पेंटिंग को कचरा समझा
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एक कारोबारी जर्मनी के एयरपोर्ट पर फ्रांसीसी डॉक्टर और मेडिकल के विद्वान यवेस टंगू की बेहद कीमती पेंटिंग भूल गए जिसके बाद करीब ढाई करोड़ की पेटिंग के साथ जो हुआ वो जानकर आप भी चौंक जाएंगे. एयरपोर्ट पर उसे साफ-सफाई करने वालों ने कूड़ा समझकर डस्टबिन में फेंक दिया. बता दें कि वो कोई मामूली पेंटिंग नहीं थी और उसकी कीमत करीब 2,50,71,022 रुपये थी. (तस्वीर - एजेंसी)

एयरपोर्ट पर ढाई करोड़ की पेंटिंग को कचरा समझा
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दरअसल, जब कारोबारी फ्रांसीसी सर्जन यवेस टंगू की पेटिंग लेकर इजराइल जाने के लिए डसेलडोर्फ हवाई अड्डा पहुंचे और विमान में सवार होने गए तो वो उसे चेक इन काउंटर पर ही भूल गए. उन्हें जबतक यह महसूस हुआ कि पेटिंग तो ली ही नहीं तब तक विमान उड़ान भर चुका था. बेहद महंगी पेंटिंग फ्लैट कार्डबोर्ड बॉक्स में पैक की गई थी. (तस्वीर- Getty)

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इजराइल में उतरने पर, उन्होंने पश्चिमी जर्मन शहर डसेलडोर्फ में पुलिस से संपर्क करने का प्रयास किया और पेटिंग से संबंधित कई ईमेल भेजे. काफी खोज के बाद भी पेंटिंग कहीं नहीं मिली. कारोबारी बेहद परेशान हो गए क्योंकि उसकी कीमत ढाई करोड़ रुपये थी. वो इससे बेहद निराश हो गए. इसके बाद कारोबारी के भतीजे ने पेंटिंग को ढूंढने की कोशिश शुरू की. बेल्जियम से यात्रा करने के बाद लौटने पर वो हवाई अड्डे के पास स्थित पुलिस थाने पहुंचा और पेंटिंग के खोने की शिकायत दर्ज करा दी. (तस्वीर- Getty)

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चूंकि पेंटिंग काफी महंगी थी इसलिए यह मामला एयरपोर्ट थाने के इंस्पेक्टर माइकल डिट्ज़ के पास पहुंचा और उन्होंने इसकी जांच शुरू की. उन्होंने एयरपोर्ट पर साफ-सफाई करने वाली कंपनी से संपर्क किया और एयरपोर्ट परिसर में मौजूद सभी रीसाइक्लिंग कंटेनरों को खंगालना शुरू किया. पुलिस अधिकारी की ये मेहनत रंग लाई. इंस्पेक्टर माइकल डिट्ज़ ने हवाई अड्डे के कागज अपशिष्ट कंटेनरों को अच्छी तरह से खोजने के बाद कचरे से पेंटिंग को बरामद किया. थोड़े नुकसान के साथ जर्मन पुलिस ने उसे बचाने में कामयाबी हासिल की. (तस्वीर- एजेंसी)

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बता दें कि 1900 से 1955 तक जीवित रहने वाले यवेस टंगू को उनके आसान तरीके से किए जाने वाले ऑपरेशन और मेडिकल क्षेत्र में विद्वता के लिए जाना जाता था. उनके समकालीनों में सल्वाडोर डाली, जोन मिरो और मैन रे उन्हें बेहद पसंद थे. (तस्वीर- Getty)

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