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काबुल: आतंकी रोक रहे थे विमान, पायलट ने फिर भी भरी उड़ान और बचाई हजारों जान

Afghanistan
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15 अगस्त को काबुल पर ताबिलान के कब्जा करने के बाद ही अफगानिस्तान के लोग अपनी जान बचाने के लिए एयरपोर्ट की तरफ दौड़ गए. इसका परिणाम ये हुआ कि वहां टर्मिनल से लेकर रनवे तक हजारों लोगों की भीड़ जुट गई जो बस किसी तरह वहां से निकलना चाहती थी. इसके लिए कुछ लोग विमान के पहियों तक में लटक गए थे. अब एक पायलट ने उन भयावह दिनों की कहानी बताई है जब उनके लिए रनवे पर विमान को टेक ऑफ कराना इतना खतरनाक हो गया था कि अगर थोड़ी सी भी गलती होती तो हजारों लोगों की मौत हो सकती थी. (तस्वीर - ट्विटर/ Kev Latchman_Twitter-4)

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ब्रिटिश (आरएएफ) वायुसेना के विंग कमांडर और पायलट केव लैचमैन ने बताया कि 26 अगस्त को एयरपोर्ट पर धमाके के बाद जब वो काबुल छोड़ने वाले लोगों को विमान में लेकर टेकऑफ की कोशिश कर रहे थे उसी दौरान तीन गाड़ियां अचानक रनवे पर आ गई. हम बाल बाल बचे और लोगों को कोई नुकसान नहीं हुआ. (तस्वीर - ट्विटर/ Kev Latchman_Twitter-4)
 

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उन्होंने कहा, गाड़ियां तेजी से हमारी तरफ बढ़ रही थी लेकिन हमने लोगों की जान बचाने के लिए उड़ान से पहले विमान की पर्याप्त स्पीड नहीं होने के बाद भी टेक ऑफ करने का फैसला किया. (तस्वीर - ट्विटर/ Kev Latchman_Twitter-4)

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विंग कमांडर लैचमैन और उनके चालक दल ने कहा कि जिस ट्रांसपोर्ट जेट में लोग सवार थे उसका अधिकतम वजन 265 टन था और हमने इस वजन के साथ ही टेक ऑफ करने का फैसला किया, पायलट ने बताया कि हम विमान को लेकर रनवे पर एक तरफ से आग बढ़ रहे थे और दूसरी तरफ से उसी रनवे पर गाड़ियों का काफिला आ रहा था. (तस्वीर - ट्विटर/ Kev Latchman_Twitter-4)

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स्काई न्यूज को दिए इंटरव्यू में विंग कमांडर लैचमैन ने कहा, 'हमें एहसास हुआ कि हम टेक-ऑफ को रोक नहीं सकते क्योंकि अगर मैंने ऐसा किया तो सभी खतरे में पड़ जाएगें. मैंने परिणाम के बारे में सोचना बंद कर दिया और टेकऑफ करने का निर्णय लिया. संभावित खतरा से कुछ सेकंड पहले, विंग कमांडर लैचमैन ने अपने सह पायलट के साथ सामान्य से धीमी गति से उड़ान भरने की कोशिश करने के बारे में बात की क्योंकि वहां रुकना सुरक्षित नहीं था. (तस्वीर - ट्विटर/ Kev Latchman_Twitter-4)
 

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99 स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर लैचमैन ने कहा, 'मुझे लगता है कि हमें जल्दी टेकऑफ करने की जरूरत है और दूसरा पायलट मान गया.' हमने रोटेट स्पीड से करीब 20 नॉट पहले एयरक्राफ्ट को टेकऑफ कराने की कोशिश की और हम चंद सेकेंड में हवा में उड़ गए. उन्होंने बताया कि जिस वक्त विमान रनवे छोड़कर हवा में पहुंचा उस वक्त गाड़ियों के काफिले और विमान में सिर्फ 10 फीट की दूरी ही बची थी.' (तस्वीर - ट्विटर/ Kev Latchman_Twitter-4)
 

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पायलट ने टेकऑफ में आ रही दिक्कत को लेकर कहा, 'धमाके के बाद एयरपोर्ट की बिजली कट गई जिससे रनवे लाइट ने काम करना बंद कर दिया. सैन्य हवाई यातायात नियंत्रकों ने बाद में विंग कमांडर लैचमैन से कहा कि उन्हें नहीं लगता कि वह उपलब्ध जगह में उड़ान भर पाएंगे लेकिन वायुसेना के पायलटों ने वो कर दिखाया. (तस्वीर - ट्विटर/ Kev Latchman_Twitter-4)

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बता दें कि काबुल एयरपोर्ट के गेट पर हुए आत्मघाती धमाके में कम से कम 169 अफगान, 13 अमेरिकी सैनिक, दो ब्रिटिश नागरिकों की मौत हो गई थी. आतंकवादियों द्वारा पैदा किए गए खतरे के बावजूद, आरएएफ ऑपरेशन पिटिंग के हिस्से के रूप में काबुल से 15,000 से अधिक लोगों को सफलतापूर्वक निकालने में सक्षम रहा. (तस्वीर - ट्विटर/ Kev Latchman_Twitter-4)
 

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