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इन खासियतों की वजह से चुने गए थे 5 राफेल के ये पायलट

इन खासियतों की वजह से चुने गए थे 5 राफेल के ये पायलट
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भारतीय वायुसेना की शक्ति में बढ़ोतरी हुई है. फ्रांस से उड़ान भरने के बाद पांच राफेल लड़ाकू विमान भारतीय जमीन में पहुंच गए हैं. हरियाणा के अंबाला एयरबेस में बुधवार को राफेल विमान लैंड हुए, जहां उनका स्वागत वॉटर सैल्यूट के साथ किया गया. इन राफेल विमानों को उड़ाने के लिए बेहद अनुभवी पायलटों को चुना गया था.  टीम का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह को मिली. उनकी टीम में दक्षिण कश्मीर से एयर कमोडोर हिलाल अहमद राथर, यूपी के बलिया से कोमोडोर मनीष सिंह, राजस्थान के जालोर से विंग कमांडर अभिषेक त्रिपाठी भी शामिल थे.
(Photo PTI)
इन खासियतों की वजह से चुने गए थे 5 राफेल के ये पायलट
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आजतक से बातचीत में (रि) विंग कमांडर अनुमा आचार्य ने और भी कई अहम बातें बताई. पायलटों के टीम लीडर की बात करें तो उन्हें वायुसेना में 21 साल का अनुभव है. उनकी ट्रेनिंग के बाद ही उन्हें चुना गया.  ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह 17वीं स्क्वाड्रन ‘गोल्डन एरो’ के कमांडिंग ऑफिसर हैं. हरकीरत सिंह पहले मिग-21 के पायलट थे. एक बार उन्होंने बाइसन में उड़ान भरी थी. करीब 4 किमी की ऊंचाई पर अवरोध प्रक्रिया के दौरान उनके जहाज के इंजन में आग लगी और तीन धमाके हुए. बावजूद इसके हरकीरत सिंह ने तुरंत आग पर काबू पाया जहाज को सुरक्षित लैंड करा लिया.
(Photo PTI)
इन खासियतों की वजह से चुने गए थे 5 राफेल के ये पायलट
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जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हिलाल अहमद राथर की गिनती देश के बेहतरीन पयलटों में होती है. हिलाल की पढ़ाई जम्मू जिले के नगरोटा कस्बे में सैनिक स्कूल में हुई. वो वायुसेना में 17 दिसंबर, 1988 को एक लड़ाकू पायलट के रूप में शामिल हुए. 1993 में फ्लाइट लेफ्टिनेंट बन गए, 2004 में विंग कमांडर, 2016 में ग्रुप कैप्टन और 2019 में एयर कोमोडोर बने. मिराज-2000, मिग-21 और किरण एयरक्राफ्ट पर उड़ान के दौरान हिलाल ने अब तक तकरीबन 3000 घंटे गुजारे हैं.
(Photo Twitter)
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इन खासियतों की वजह से चुने गए थे 5 राफेल के ये पायलट
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उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद में बकवा गांव के रहने वाले मनीष राफेल विमान फ्रांस से भारत लाए. मनीष सिंह ने बलिया में प्रारंभिक शिक्षा के बाद सैनिक स्कूल से पढ़ाई की है. मनीष साल 2002 में इंडियन एयरफोर्स में पायलट बने. अंबाला और जामनगर के बाद 2017-2018 में इनकी तैनाती गोरखपुर में थी. फ्रांस से राफेल डील के बाद मनीष को प्रशिक्षण के लिए सरकार ने फ्रांस भेजा.

(Photo Social Media)
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राजस्थान के जालोर के रहने वाला अभिषेक त्रिपाठी उन पायलटों में शामिल हैं. फ्रांस से भारत राफेल लेकर आए. अभिषेक की सबसे खास बात यह कि उन्हें कुश्ती के दांव-पेच में महारत हासिल है. बचपन में उन्होंने कई अखाड़ों में अपना दम दिखाया है. अब आसामान के सबसे ताकतवर फाइटर जेट में से एक में बैठकर दुश्मन को अपने होने का अहसास करा रहे हैं.
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रोहित कटारिया डेढ़ साल तक पेरिस में ट्रेनिंग लेने के बाद बुधवार को राफेल विमान लेकर अंबाला पहुंचे. यहां पहुंचते ही उन्हें ग्रुप कैप्टन की कमान सौंप दी गई.  यह पदोन्नति उन्हें करीब तीन महीने पहले मिली थी.  विदेश में होने के कारण यह लागू नहीं हो सकी थी.

(Photo Social Media)


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फ्रांस से 7000 किमी का सफर तय करके पांच राफेल विमान अंबाला एयरबेस पर पहुंच गए. इन पांच राफेल विमानों ने सोमवार को फ्रांसीसी शहर बोडरे में मेरिनैक एयर बेस से उड़ान भरी थी. बेड़े में तीन सिंगल सीटर और दो डबल सीट वाले विमान शामिल हैं. भारतीय वायुसेना में इसके 17वें स्क्वाड्रन के हिस्से के रूप में शामिल किया जाएगा, जिसे अंबाला एयर बेस पर 'गोल्डन एरो' के रूप में भी जाना जाता है.

(Photo PTI)
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