इस राखी की विशेषता यह है कि इसमें सौराष्ट्र (पालीताणा) के कलाकारों के साथ-साथ पालरेचा परिवार के बच्चे से लेकर 55 साल की उम्र तक के लोगों ने राखी को आकार दिया है. भगवान सूर्य नारायण की अष्ट धातु की राखी में हीरे, सोना, चांदी, तांबा, पीतल, जस्ता के साथ-साथ नग-नगीने भी लगाए गए हैं. वहीं भगवान सूर्य की किरणों के लिए राखी पर जरी का इस्तेमाल किया गया है.