पिछले दिनों ऐसी खबर आई कि बिहार के औरंगाबाद जिले में दुनिया की सबसे महंगी सब्जियों में एक की खेती शुरू गई है और इस सब्जी का नाम 'हॉप शूट्स' है. लेकिन इस दावे पर उस समय सवालिया निशान उठ गए जब इस किसान के घर वालों ने ही इस बारे में जानकारी दी.
दरअसल, भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी सुप्रिया साहू ने एक ट्वीट किया था जिसमें किसान अमरेश सिंह और इनके द्वारा की जा रही खेती का जिक्र एक रिपोर्ट में किया गया था. बताया गया कि यह दुनिया की सबसे महंगी सब्जी की खेती है, इसकी कीमत तकरीबन 1 लाख रुपये प्रति किलो है.
One kilogram of this vegetable costs about Rs 1 lakh ! World's costliest vegetable,'hop-shoots' is being cultivated by Amresh Singh an enterprising farmer from Bihar, the first one in India. Can be a game changer for Indian farmers 💪https://t.co/7pKEYLn2Wa @PMOIndia #hopshoots pic.twitter.com/4FCvVCdG1m
— Supriya Sahu IAS (@supriyasahuias) March 31, 2021
बताया गया था कि बिहार के औरंगाबाद जिले में रहने वाले अमरेश सिंह ने अपनी कड़ी मेहनत के बाद अपने खेत में महंगी सब्जी हॉप शूट्स की खेती की है. हॉप शूट्स की अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कीमत एक लाख रुपये के आसपास है. (Photos: Getty)
लेकिन इस बात की जब पड़ताल की गई तो यह दावा गलत निकला. किसान अमरेश के गांव करमडीह में जाकर हॉप शूट्स के बारे में जांच की गई तो उनके बेटे शुभम सिंह ने बताया कि हॉप शूट्स की खेती इस गांव में नहीं होती है.
इतना ही नहीं अमरेश का जो फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था हॉप शूट्स की फसल के साथ नहीं बैठे थे बल्कि वो फसल कोई और थी. वहीं अमरेश के पिता ने भी कहा कि उन्होंने कभी इस पौधे को नहीं देखा है, और न ही इसकी खेती यहां कभी हुई है.
औरंगाबाद कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक नित्यानंद का कहना है कि हॉप शूट्स की खेती बिहार में संभव ही नहीं है. यह ठंडी जगह का पौधा है, जहां तापमान 10-12 डिग्री से नीचे रहता है. औरंगाबाद का तापमान हॉप शूट्स के मुताबिक नहीं है.
कौन हैं किसान अमरेश: बिहार के औरंगाबाद जिले के रहने वाले अमरेश सिंह एक युवा किसान हैं. वे एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखते हैं, उनके पिता किसान हैं. 12वीं तक की पढ़ाई के बाद अमरेश ने खेती को ही अपना करियर बना लिया. (File Photos)
अमरेश पहले मेंथा, लेमन ग्रास, पामारोजा, सिट्रोनोला, तुलसी और सेब आदि की खेती करते रहे हैं. अमरेश ने एक बार बताया था कि बिहार के किसान धान गेहूं आदि की खेती को करने के साथ-साथ अपने कुछ जमीन पर ही अगर इस तरह की खेती करना शुरू करें तो उनकी आमदनी काफी बढ़ेगी.