अमेरिका की एक कंपनी ने ऐसा ड्रोन बनाया है जो अंतरिक्ष में रॉकेट लॉन्च कर सकता है. साथ ही ये सैटेलाइट लॉन्च करने की क्षमता भी रखता है. ये अब तक का सबसे बड़ा ड्रोन है. इसे उड़ाने के लिए किसी पायलट की जरूरत नहीं है. इसे बनाया है अमेरिकन एयरोस्पेस स्टार्टअप एवम (Aevum) नाम की कंपनी ने. आइए जानते हैं इस अत्याधुनिक ड्रोन के बारे में... (फोटोःAevum/RAVN-X)
एवम (Aevum) कंपनी ने इस ड्रोन का नाम रखा है RAVN-X. इसे कंपनी ने यूएस स्पेस फोर्स के लिए बनाया है. इसके जरिए छोटे सैटेलाइट्स अंतरिक्ष में लॉन्च किए जा सकते हैं. कंपनी ने अमेरिकी की मिलिट्री के लिए वहां की सरकार से 1 बिलियन डॉलर यानी 7304 करोड़ की डील की है. (फोटोःAevum/RAVN-X)
एवम (Aevum) कंपनी के सीईओ जे स्काइलस कहते हैं कि RAVN-X ड्रोन से से रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट्स को लॉन्च किया जा सकता है. स्पेस साइंटिस्ट्स इसका भरपूर उपयोग कर सकते हैं. RAVN-X ड्रोन किसी भी एयरपोर्ट के रनवे से उड़ान भर सकता है. यह मिसाइल और चिड़िया के आकार से प्रेरित होकर बनाया गया है. (फोटोःAevum/RAVN-X)
RAVN-X ड्रोन की ऊंचाई 18 फीट है. इसका विंगस्पैन 60 फीट है और लंबाई 80 फीट है. यह दुनिया का सबसे बड़ा अनमैन्ड एरियल व्हीकल (UAV) है. इससे रॉकेट या सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए किसी तरह के लॉन्चपैड बनाने की जरूरत नहीं है. (फोटोःAevum/RAVN-X)
RAVN-X ड्रोन के नीचे एक छोटा रॉकेट जुड़ा रहता है. यह ड्रोन वायुमंडल के ऊपर तक जा सकता है. उसके बाद वहां से रॉकेट लॉन्च होगा. उस रॉकेट में 100 से 500 किलोग्राम तक का सैटेलाइट रखा जा सकता है. उसके बाद रॉकेट सैटेलाइट को उसकी तय कक्षा तक पहुंचा देगा. (फोटोःAevum/RAVN-X)
RAVN-X ड्रोन की खासियत को देखते हुए अमेरिकन स्पेस फोर्स ने एवम (Aevum) कंपनी को ASLON-45 मिशन के तहत छोटे सैटेलाइट्स छोड़ने की अनुमति दी है. ASLON-45 मिशन में अमेरिकी मिलिट्री अपने छोटे सैटेलाइट्स लॉन्च कराएगा. (फोटोःAevum/RAVN-X)
स्पेस एंड मिसाइल सिस्टम्स सेंटर्स के स्मॉल लॉन्च एंड टार्गेट्स डिविजन के प्रमुख लेफ्टिनेंट कर्नल रायन रोज बताते हैं कि इस तरह की टेक्नोलॉजी के जरिए अमेरिका भविष्य में आने वाले खतरों से बच सकता है. इसी के लिए तो अमेरिका स्पेस फोर्स बनाया है. (फोटोःAevum/RAVN-X)
RAVN-X ड्रोन छोटे सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में भेजने वाला पहला कैरियर नहीं होगा. इसके पहले नॉर्थरोप ग्रुमेन कंपनी के पेगासस ने 1990 से अब तक दर्जनों बार छोटे सैटेलाइट्स अंतरिक्ष में भेज चुका है. वर्जिन ऑर्बिट का पहला प्रयास विफल होने के बाद भी उसे नासा की तरफ से 10 क्यूबसैट लॉन्च करने की अनुमति मिली हुई है. लेकिन इन विमानों को पायलट उड़ाते हैं, जबकि RAVN-X ड्रोन में पायलट की जरूरत नहीं है. (फोटोःAevum/RAVN-X)
एवम कंपनी अभी 100 RAVN-X ड्रोन बना रही है. इस ड्रोन के जरिए सैटेलाइट लॉन्च के खर्च में कमी आएगी. अच्छी बात ये है कि ये RAVN-X ड्रोन अपना काम खत्म करने के बाद वापस आ जाएगा. पहले सैटेलाइट लॉन्च करने के बाद रॉकेट खराब हो जाता था. हालांकि अब स्पेसएक्स ऐसे रॉकेट बना रहा है जो वापस आ जाते हैं. (फोटोःAevum/RAVN-X)