रूस के विपक्षी पार्टी के लीडर और एंटी करप्शन एक्टिविस्ट एलेक्सी नवाल्ने का कहना है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उन पर जहरीला हमला कराया है. 20 अगस्त को एलेक्सी तोमस्क से मॉस्को जाने के लिए फ्लाइट में बैठे थे लेकिन यात्रा के दौरान वे अचानक बेहोश हो गए थे जिसके बाद इस फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी थी और वे जर्मनी के अस्पताल में भर्ती हुए थे.
इस हफ्ते बेलिंगकैट नाम की इंवेस्टिगेटिव वेबसाइट की रिपोर्ट में रूस की खुफिया एजेंसी एफएसबी के कुछ लोगों की पहचान की है. एफएसबी के इन लोगों पर आरोप है कि उन्होंने एलेक्सी पर ये हमला किया है और वे पिछले 30 दौरे से एलेक्स को ट्रैक कर रहे थे. एफएसबी पर आरोप लगाया गया है कि इस संस्था ने एलेक्सी का तब पीछा करना शुरू किया जब उन्होंने साल 2018 में पुतिन को चुनाव में चुनौती देने का ऐलान किया था. एफएसबी के खुफिया दस्ते में रसायनिक हथियारों के विशेषज्ञ, डॉक्टर्स और सीक्रेट एजेंट्स शामिल थे जो विशेष अभियानों को चलाने में माहिर थे.
वही इस मामले में जर्मनी के जांचकर्ताओं का कहना था कि उन्हें नोविचोक नाम का जहर दिया गया था जो एक नर्व एजेंट है और इसे 70 के दशक में सोवियत यूनियन द्वारा बनाया गया था. बेलिंगकैट की रिपोर्ट से पहले एलेक्सी ने एक स्पैनिश अखबार के साथ बात भी की थी. जर्मनी के अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद एलेक्सी ने कहा था कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि पुतिन ने मुझे मारने के ऑर्डर दिए थे. नोविचोक एक बहुत टॉक्सिक एजेंट है और इसे बनाने के लिए आपको एक लैब की जरूरत पड़ती है जो प्रशासन की मदद के बिना लगभग नामुमकिन है. बिना सरकार की दखलअंदाजी के नोविचोक बनाना बेहद मुश्किल काम है. इससे साफ होता है कि पुतिन सरकार इस हमले में शामिल है.
एलेक्सी ने आगे कहा कि पुतिन को ऐसा लगता है कि मुझे मारकर वह हमारी संस्था या आंदोलन को रोक लेंगे. मुझे नहीं पता कि उनके दिमाग में क्या चल रहा है लेकिन ये साफ है कि मैं पहला इंसान नहीं हूं जिसे उनके द्वारा इस तरह जहर देने की कोशिश की गई हो और ना ही आखिरी होने जा रहा हूं. पुतिन पिछले बीस साल से सत्ता में हैं. 20 साल काफी होते हैं किसी का भी दिमाग खराब करने के लिए. उन्हें लगता है कि वो कुछ भी कर सकते हैं.
एलेक्सी का कहना है कि उनका मुख्य उद्देश्य साल 2021 के चुनाव में पुतिन का बेहतर विकल्प साबित होना है. वे ये भी जानते हैं कि उनके लिए ये बहुत चुनौतीपूर्ण होने जा रहा है. उन्होंने कहा कि 'पुतिन के राज में रूस में गरीबी बहुत ज्यादा बढ़ी है और हम जनता को इस बार बेहतर विकल्प देना चाहते हैं. पुतिन रूस का सम्राट बनना चाहते हैं. अपने विरोध में आई हर आवाज को पुतिन दबा देते हैं. वो हमारी संस्था को खतरनाक मानते हैं. वो उन सभी लोगों को खतरा समझते हैं जो भ्रष्टाचार खत्म करने की बात करते हैं.'