रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने देश की कोरोना वैक्सीन की तारीफ करने के बावजूद उसे लगवाने की जल्दी में नहीं है. स्पूत्निक वी नाम की इस वैक्सीन को लेकर पुतिन ने सिर्फ इतना कहा है कि वे इसे 2021 के अंत में लगवा सकते हैं और उन्हें इस वैक्सीन को लगवाने की कोई जल्दी नहीं है. रूसी मीडिया के मुताबिक, पुतिन इस वायरस को लेकर काफी सावधान हैं और इस वक्त पुतिन से मिलने से पहले ज्यादातर लोगों को दो हफ्तों के लिए क्वरानटीन होना पड़ता है.
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68 साल के पुतिन ने उन बयानों को दरकिनार किया है जिनमें कहा गया था कि पुतिन के वैक्सीन लगवाने से लोग भी इसे लगवाने के लिए प्रोत्साहित होंगे. रिपोर्ट्स के अनुसार, पुतिन का शेड्यूल अभी ऐसा है कि उन्हें फ्लू शॉट्स और बाकी वैक्सीनेशन्स भी लगवाने है. इसलिए वे अभी कोरोना वैक्सीन के लिए समय नहीं निकाल सकते हैं.
गौरतलब है कि पुतिन इस वैक्सीन को लेकर दिए बयान के चलते आलोचना भी झेल चुके हैं. दरअसल उन्होंने पिछले साल अगस्त में ही कह दिया था कि स्पूत्निक वी सुरक्षित और काफी कारगर वैक्सीन है लेकिन तब तक इस वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल्स भी पूरे नहीं हुए थे. हालांकि ट्रायल्स पूरे होने के बाद सामने आया कि ये वैक्सीन 92 प्रतिशत प्रभावशाली है.
पुतिन ने उस समय कहा था कि मैं जानता हूं कि ये वैक्सीन काफी प्रभावशाली है. इससे आपकी इम्युनिटी स्ट्रॉन्ग होती है और इस वैक्सीन ने सभी जरूरी टेस्ट को पास भी किया है. पुतिन ने ये भी कहा था कि पिछले अगस्त उनकी बेटी ने स्पूत्निक वी वैक्सीन के लिए ट्रायल दिया था और उन्हें इस वैक्सीन को लगवाने के बाद किसी तरह की परेशानी नहीं आई है.
गौरतलब है कि पुतिन ने इस वैक्सीन को अगस्त में दुनिया की पहली रजिस्टर्ड वैक्सीन बता दिया था लेकिन सीमित डाटा होने की वजह से कई पश्चिमी देशों ने इस वैक्सीन को इग्नोर किया था. स्पूत्निक वी को पिछले साल दिसंबर के महीने में रूस की आबादी के लिए उपलब्ध कराया गया था और इसके बाद से ये वैक्सीन 15 से अधिक देशों में अप्रूव हो चुकी है. इनमें अर्जेंटीना, अल्जेरिया, ईरान, वेनेजुएला, बेलारुस, अर्मेनिया और पाकिस्तान जैसे देश शामिल हैं.