दुनियाभर में कई देशों पर कोरोना वायरस से जुड़े सही आंकड़े नहीं देने के आरोप लग रहे हैं. इस बीच अमेरिका की एक डाटा साइंटिस्ट को नौकरी से निकाल दिया गया है. फ्लोरिडा की डेटा साइंटिस्ट रेबेका जोन्स का कहना है कि उन्हें कोरोना से जुड़े आंकड़े बदलने को कहा गया था कि ताकि लॉकडाउन हटाया जा सके. रेबेका ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था.
चीन, ईरान और रूस सहित कई देशों पर पहले से आरोप लग रहे हैं कि वे कोरोना के मामले कम करके दिखा रहे हैं. वहीं, अमेरिका की डेटा साइंटिस्ट रेबेका का दावा है कि उन्हें आंकड़े बदलने को कहा गया. नौकरी छोड़ने के बाद रेबेका ने अपना डैशबोर्ड तैयार कर लिया है और खुद कोरोना से जुड़े आंकड़े प्रकाशित करने लगी हैं.
रेबेका ने कहा कि उन्होंने कोरोना के आंकड़े सेंसर करने से मना कर दिया था. इसके बाद फ्लोरिडा के गवर्नर ने उन्हें स्वास्थ्य विभाग से निकाल दिया. रेबेका अमेरिका के फ्लोरिडा राज्य के कोरोना डेटाबेस की इंचार्ज थीं.
theguardian.com की रिपोर्ट के मुताबिक, रेबेका को उसी दिन नौकरी से निकाल दिया गया जिस दिन लॉकडाउन में बिजनेस को छूट दी गई. जबकि अप्रैल में व्हाइट हाउस की ओर से ट्रांसपैरेंसी और इंटीग्रेटी के लिए रेबेका की तारीफ की गई थी.
हालांकि, फ्लोरिडा के गवर्नर ने प्रवक्ता के जरिए रेबेका के आरोपों को खारिज किया है. गवर्नर की ओर से कहा गया है कि रेबेका को खराब व्यवहार और अवहेलना के लिए निकाला गया. वहीं, अमेरिका के कई साइंटिस्ट और नेताओं ने रेबेका के निकाले जाने का विरोध किया है और आंकड़े बदलने को खतरनाक बताया है.