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Iceland: वैज्ञानिकों ने ज्वालामुखी के गर्म लावे पर हॉटडॉग पकाकर खाया, वीडियो वायरल

Scientists grilling hot dogs on Hot Lava
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आइसलैंड में 6000 साल शांत रहने के बाद एक ज्वालामुखी फटा. इसे देखने के लिए सैकड़ों लोग पहुंच रहे हैं. साथ ही कुछ वैज्ञानिकों की टीम भी यहां मौजूद है, जो लावा और ज्वालामुखी पर रिसर्च कर रही है. ज्वालामुखी फटने की वजह खोज रहे हैं. इसी दौरान वैज्ञानिकों को भूख लगी. वो अपने साथ बन और चिकेन सॉसेज लाए थे. उन्होंने बन और सॉसेज को गर्म लावे पर ही ग्रिल किया. उसे बन में लगाया और टोमैटो सॉस के साथ खाने लगे. (फोटोः रॉयटर्स)

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अब वैज्ञानिकों की इस टीम का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वैज्ञानिकों ने हॉटडॉग बनाने के लिए जो रेसिपी अपनायी है, उसे देखकर आप दंग रह जाएंगे. अक्सर हॉटडॉग की फिलिंग के लिए सॉसेज को ग्रिल किया जाता है लेकिन ज्वालामुखी पर उसको ग्रिल करने का वैज्ञानिकों ने नायाब तरीका निकाला. (फोटोः रॉयटर्स) 
 

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आइसलैंड (Iceland) के दक्षिण-पश्चिम में स्थित माउंट फैगराडैल्सफाल (Mount Fagradalsfjall) में पहला विस्फोट चार दिन पहले हुआ. तब से लगातार इस ज्वालामुखी से लावा बाहर निकल रहा है. यह ज्वालामुखी रेकजाविक शहर से करीब 35 किलोमीटर दूर है. माउंट फैगराडैल्सफाल (Mount Fagradalsfjall) ज्वालामुखी फटने की वजह से 1640 फीट ऊंची लावे की आकृति बन गई है. इस ज्वालामुखी ने पिछले चार दिनों में 1 करोड़ वर्ग फीट लावा उगला है. कई बार तो लावे का फव्वारा 300 फीट की ऊंचाई तक जा रहा है. (फोटोः एपी)

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आइसलैंड यूनिवर्सिटी के जियोफिजिसिस्ट प्रोफेसर मैग्नस तुमी गडमुंडस्सन ने कहा कि ये ज्वालामुखी अभी फटता ही रहेगा. हो सकता है कि ये एक दिन में बंद हो जाए या फिर एक महीने तक ऐसे ही फटता रहे. साल 2010 के बाद आइसलैंड में यह इस तरह की पहली घटना है. (फोटोः एपी)

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सवाल ये है कि आखिरकार इतने सालों से शांत पड़ा ज्वालामुखी अचानक कैसे फट गया? आइसलैंड में ज्वालामुखी की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं. हर चार-पांच साल में एक ज्वालामुखी बड़ा विस्फोट तो कर ही देता है. कारण ये है कि ये देश भूकंपीय गतिविधियों के लिए जाना जाता है. यहां सबसे बड़ा भूकंप साल 2014 में आया था. (फोटोः गेटी)

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साल 2014 से लेकर अब तक आइसलैंड में हर साल 1000 से 3000 भूकंप आए हैं. लेकिन दिसंबर 2019 से भूकंपों की गतिविधि अचानक से बढ़ गई है. इसकी वजह जानने के लिए साइंटिस्ट अब भी जुटे हैं. सिर्फ पिछले हफ्ते ही आइसलैंड में 18 हजार भूकंप आए हैं. जिसमें से रविवार को 3000 भूकंप आए. इसमें 400 भूकंप उस इलाके में आए हैं जहां माउंट फैगराडैल्सफाल (Mount Fagradalsfjall) में विस्फोट हो रहा है. (फोटोः गेटी)

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आइसलैंड के मौसम विभाग ने कहा कि रविवार को ज्वालामुखी वाले इलाके में कम भूकंप आए थे. जबकि, एक दिन पहले ही वहां पर 1000 भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. रिक्टर पैमाने पर 3 की तीव्रता के ऊपर के भूकंप तो पता चल ही जाते हैं. 24 फरवरी को इस जगह 5.7 तीव्रता का भूकंप आया था. जिसके आधे घंटे बाद 5 तीव्रता का भूकंप फिर आया. (फोटोः गेटी)

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स्थानीय लोगों ने मीडिया को बताया कि उन्होंने पिछले हफ्ते के कुल घंटों में से 24 घंटे से ज्यादा धरती को कांपते हुए महसूस किया है. आइसलैंड यूनिवर्सिटी में वॉल्कैनोलॉजी के प्रोफेसर थोरवल्डर थोरडार्सन ने कहा इतने ज्यादा भूकंप के पीछे की वजह समझ नहीं आ रही है. साइंटिस्ट ये जानने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर ऐसी प्राकृतिक घटनाएं बढ़ कैसे गई हैं. (फोटोः गेटी)

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