शेफाली बताती हैं कि लड़कों के साथ खेलती थी. कई बार
लड़के मुझसे कहते थे कि ये लड़की है या ये क्या खेलेगी, लेकिन प्रैक्टिस
लगातार जारी रही.
शेफाली ने बताया कि संघर्ष बहुत कठिन रहा. काफी
समय बाद उन्हें लड़कियों के लिए एकेडमी मिली. इसके बाद उन्होंने सुबह-शाम
खेलना शुरू किया. उन्हें लड़कों के साथ प्रैक्टिस भी कराई गई.