मामला सुलझने के बाद मां की ममता भी जागी और गांव का प्यार भी. और स्कूल में जगह मिल सकी. भारत के गांव मेहमाननवाजी के लिए पहचाने जाते हैं. अपनापन, ममता, प्यार इसी की पहचान है गांव. लेकिन कोरोना के डर के आगे गांव के लोगों ने भी तिरस्कार की राह पकड़ी है. कोरोना तो ज्यादा दिन तक नहीं टिकने वाला लेकिन अपनेपन और रिश्तों के बीच की ये दरार लंबे समय तक याद रहने वाली है.