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सोनभद्र से 3000 टन सोना निकालने से बेघर होंगे इतने परिवार, क्या करेगी सरकार

सोनभद्र से 3000 टन सोना निकालने से बेघर होंगे इतने परिवार, क्या करेगी सरकार
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उत्तर प्रदेश में सोनभद्र जिले की जिन दो पहाड़ियों में करीब तीन हजार टन से ज्यादा सोना मिलने की पुष्टि हुई है, उन पहाड़ियों के इर्द-गिर्द बसे चार सौ से ज्यादा आदिवासी परिवारों को अभी से बेघर होने का डर सताने लगा है.
सोनभद्र से 3000 टन सोना निकालने से बेघर होंगे इतने परिवार, क्या करेगी सरकार
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जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) ने सोनभद्र जिले में सदर तहसील क्षेत्र की सोन पहाड़ी और हरदी पहाड़ी में तीन हजार टन से ज्यादा सोना होने की पुष्टि की है. इसके बाद वहां ई-टेंडरिंग की सरकारी प्रक्रिया शुरू हो गई है.
सोनभद्र से 3000 टन सोना निकालने से बेघर होंगे इतने परिवार, क्या करेगी सरकार
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इन खदानों से निकले सोना की वजह से भले ही देश-दुनिया में सोनभद्र का नाम सबसे ऊपर आ जाए, लेकिन इसका दूसरा पहलू यह है कि सोन पहाड़ी में खनन से पनारी गांव पंचायत के ढाई सौ परिवार और हरदी पहाड़ी में खनन से हरदी, पिंडरा दोहर और पिपरहवा गांव के दो सौ आदिवासी परिवार बेघर यानी विस्थापित होंगे.
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सोनभद्र से 3000 टन सोना निकालने से बेघर होंगे इतने परिवार, क्या करेगी सरकार
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सोनभद्र आदिवासी बहुल इलाका है और अल्पभूमि के मालिक बैगा और गोंड़ जाति के आदिवासी कृषि और जंगली जानवरों के शिकार के जरिये अपने परिवार का जीवन यापन करते हैं. यदि इन्हें बेघर होना पड़ा तो यह तय है कि इन्हें झोपड़ी के अलावा अपनी बीघे-दो बीघे जमीन से भी हाथ धोना पड़ेगा. हालांकि राज्य सरकार की ओर से प्रशासन मुआवजे के तौर पर कुछ रकम जरूर देगा.

सोनभद्र से 3000 टन सोना निकालने से बेघर होंगे इतने परिवार, क्या करेगी सरकार
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ग्राम पंचायत पंडरक्ष के पूर्व ग्राम प्रधान और वनवासी सेवा आश्रम से जुड़े पर्यावरण कार्यकर्ता रामेश्वर गोंड बताते हैं, "पंडरक्ष ग्राम पंचायत क्षेत्र में हरदी, पिंडरा दोहर और पिपरहवा गांव आते हैं. यहां ज्यादातर बैगा और गोंड आदिवासी समुदाय के लोग रहते हैं. ये गांव हरदी पहाड़ी के तीन तरफ बसे हैं. इस इलाके से अब निश्चित तौर पर आदिवासियों को विस्थापित किया जाएगा."
सोनभद्र से 3000 टन सोना निकालने से बेघर होंगे इतने परिवार, क्या करेगी सरकार
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गोंड बताते हैं कि आदिवासी अपनी बीघे-दो बीघे कृषि भूमि और जंगली जानवरों के चोरी छिपे शिकार कर अपने परिवार का जीवनयापन करते आए हैं. विस्थापन से उनके सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा होगा.
सोनभद्र से 3000 टन सोना निकालने से बेघर होंगे इतने परिवार, क्या करेगी सरकार
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उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, "सरकार मुआवजे के तौर पर निर्धारित रकम देगी, जिससे दोबारा कृषि भूमि खरीद पाना असंभव है. बेहतर यह होगा कि सरकार भूमि के बदले भूमि और घर के बदले घर मुआवजे में दे.
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रामेश्वर गोंड के मुताबिक, "सोन पहाड़ी में खनन होने से पनारी गांव पंचायत के ढाई सौ परिवार और हरदी पहाड़ी में खनन होने से पंडरक्ष गांव पंचायत के करीब दो सौ परिवार बेघर होंगे."

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हरदी गांव के ही प्रदीप, दिलीप, रामकेवल, शारदा, लक्षा, इंदर, बुधई, सीताराम, प्रह्लाद, नारद, नीरू और किसुन आदिवासी भी जमीन के बदले जमीन और घर के बदले घर चाहते हैं.

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सोनभद्र से 3000 टन सोना निकालने से बेघर होंगे इतने परिवार, क्या करेगी सरकार
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हालांकि, जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने शनिवार कहा, "अभी तो सोना होने की पुष्टि हुई है. खनन प्रक्रिया शुरू होने में बहुत समय बाकी है. जब विस्थापन की बारी आएगी तो आदिवासियों को नियमानुसार मुआवजा देकर दूसरी जगह बसाया जाएगा." उन्होंने कहा कि अभी तो वन और राजस्व विभाग सीमांकन करने में लगे हैं. आगे की कार्यवाही नियमानुसार होगी, किसी को जबरन बेघर नहीं किया जाएगा.


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