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बेटे ने ठुकराया, मुस्लिमों ने हिंदू तरीके से किया अंतिम संस्कार

बेटे ने ठुकराया, मुस्लिमों ने हिंदू तरीके से किया अंतिम संस्कार
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इन दिनों कोरोना वायरस का प्रकोप चल रहा है. कोरोना संक्रमण के चलते कई लोगों की मौत हो चुकी है. महाराष्ट्र के अकोला में संक्रण का आंकड़ा अब 400 के पार निकल चुका है. जबकि  25 लोगों की मौत भी हुई है. ऐसे में कोरोना वायरस के मरीज के पास जाने की सरकारी अनुमति नहीं है. अगर किसी की कोरोना वायरस से मौत होती है तो उसका कानून के तहत अंतिम संस्कार होता है. ऐसे में अकोला से इंसानियत का संदेश देने वाला एक मामला सामने आया है जहां एक बुजुर्ग की कोरोना वायरस से मौत होने पर परिवारवालों ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया. जिसके बाद मुस्लिम युवकों ने बुजुर्ग का हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार कर इंसानियत का परिचय दिया है.
बेटे ने ठुकराया, मुस्लिमों ने हिंदू तरीके से किया अंतिम संस्कार
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कोरोना वायरस के चलते सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ पारिवारिक दूरी बनाने के भी कई मामले सामने आ रहे हैं. यह अकोला के एक अमीर घराने की दास्तां है. जहां बुजुर्ग कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद कोविड-19 के सस्पेक्टेड वॉर्ड में भर्ती थे जहां उनकी मौत हो गई. उनकी मौत की जानकारी अस्पताल विभाग ने परिजनों को दी लेकिन मौत के 24 घंटे बाद भी घरवाले शव को स्वीकारने को तैयार नहीं हुए.
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नगर निगम ने इस परिवार से संपर्क कर उन्हें अंतिम संस्कार के लिए लगने वाली पूरी किट देने की बात की थी. लेकिन बुजुर्ग की मौत के बाद उनके परिजनों ने बॉडी लेने से मना कर दिया. वहीं, नगर निगम के सामने नया प्रश्न खड़ा हो गया कि उनका अंतिम संस्कार कौन करेगा. जिसके बाद शव का जिम्मा म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के पास आ गया.
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बेटे ने ठुकराया, मुस्लिमों ने हिंदू तरीके से किया अंतिम संस्कार
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ऐसे में अकोला के कच्ची मेमन जमात ट्रस्ट के जावेद जकेरिया और उनके तमाम कार्यकर्ताओं ने अंतिम संस्कार का बीड़ा उठाया. विधिवत हिंदू संस्कृति के तहत इन मुस्लिम युवकों ने अकोला स्थित मोहता मिल श्मशान भूमि में बुजुर्ग शख्स को मुखाग्नि दी. वहीं, अंतिम संस्कार के लिए म्युनिसिपल कारपोरेशन ने कोरोना वायरस से सुरक्षा के लिए युवकों को पीपीई किट मुहैया करवा दी थी.
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हेल्थ ऑफिसर प्रशांत राजुरकर ने बताया कि जब बुजुर्ग के परिवार ने उनके शव को लेने से इनकार कर दिया तो म्युनिसिपल कारपोरेशन को सहयोग करने वाली अकोला की कच्ची जमात ट्रस्ट के जावेद जकरिया और उनके सहयोगियों ने ये बीड़ा उठाया. उन्होंने बुजुर्ग के शव को अपने ट्रस्ट के एंबुलेंस से लेजाकर हिंदू रीति रिवाज से उन्हें अग्नि दी. कच्ची मेमन जमात ने अब तक ऐसे कोविड-19 शव समेत अन्य 20 शवों अंतिम संस्कार कर इंसानियत का परिचय दिया है.
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