अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) का वजन कम हो गया है. स्पेस स्टेशन से 2.9 टन कचरा अंतरिक्ष में फेंका गया है. ये कचरा एक SUV के आकार के डिब्बे में है. कहा जा रहा है कि ये कई वर्षों तक पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगाता रहेगा. स्पेस स्टेशन से फेंका गया ये अब तक का सबसे बड़ा हिस्सा है. SUV के आकार के इस डिब्बे में स्पेस स्टेशन में उपयोग में लाई जा रही पुरानी बैटरी हैं. (फोटोः NASA/Mike Hopkins)
NASA के प्रवक्ता लीआ चेशियर ने बताया कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पिछले हफ्ते से कुछ हल्का महसूस कर रहा है. क्योंकि धरती की परिक्रमा लगाने वाली इस प्रयोगशाला ने 2.9 टन वजन की पुरानी बैटरी को अंतरिक्ष में छोड़ दिया है. अब यह पृथ्वी की ओअर अर्थ ऑर्बिट में कई वर्षों तक चक्कर लगाता रहेगा. (फोटोः NASA/Mike Hopkins)
NASA के अधिकारियों ने पिछले हफ्ते अपडेट किया था कि स्पेस जंक (Space Junk) की 2 से 4 साल बाद पृथ्वी पर गिरने की उम्मीद है. नासा प्रवक्ता ने बताया कि इस कचरे से किसी को डरने की जरूरत नहीं है. ये धरती पर गिरते समय उसके वायुमंडल में प्रवेश करते ही जलकर खत्म हो जाएगा. हालांकि नासा के इस भरोसे से दुनिया के लोग सहमत नहीं हैं. लोग डरे हुए हैं. (फोटोःगेटी)
Space station tosses 2.9-ton hunk of space junk overboard. It will stay in orbit for years. https://t.co/QV1PFPUD58 pic.twitter.com/9NOtbmfaOV
— SPACE.com (@SPACEdotcom) March 16, 2021
एस्ट्रोनॉमर एंड साइंस राइटर फिल प्लेट ने ट्विटर पर लिखा कि ये कचरा बड़ा और घना लगता है. इसलिए ये पूरी तरह से जल जाएगा, इसकी संभावना कम है. इसके बारे में एस्ट्रोनॉमर जोनाथन मैक डोवेल ने जवाब दिया कि हां, दूसरी तरफ तियांगगोंग-1 जो 7500 किलो का है, वो ज्यादा भारी है. लेकिन मैं पूछना चाहता हूं कि EP-9 (Space Junk) कितना घना है. क्या ये डरावना है. इससे धरती को कोई खतरा तो नहीं है. (फोटोःगेटी)
तियांगगोंग-1 चीन का पहला प्रोटोटाइप स्पेस स्टेशन है, जिसने 2012 और 2013 में एस्ट्रॉनॉट क्रू को होस्ट किया था. स्कूल बस आकार का यह क्राफ्ट अप्रैल 2018 में पृथ्वी पर वापस आते समय दक्षिणी प्रशांत महासागर में क्रैश हुआ था. (फोटोःगेटी)
EP-9, Exposed pallet-9 का छोटा नाम है. इसे हाल ही में स्पेस स्टेशन से बाहर निकाला गया है. EP-9 पिछले साल जापानी H-2 ट्रांसफर व्हीकल पर स्टेशन पर आया था. स्पेस स्टेशन की पुरानी निकल-हाइड्रोजन बैटरी को नए लिथियम आयन बैटरी से बदला गया था. इस काम में कई एस्ट्रोनॉट्स पिछले पांच साल से काम कर रहे हैं. कोरोना काल में भी अंतरिक्ष यात्रियों ने ये काम पूरा किया है. (फोटोःगेटी)
Massive Piece Of Space Junk Tossed From ISS Sets Record | AccuWeather | Close #NASA ! Stop wasting our tax dollars! Stop junking up our planet, the skies and the universe! https://t.co/APMczSXJAt
— DCor (@DCorSunshine) March 17, 2021
इससे पहले पुरानी बैटरीज को डिस्पोजेबल HTV में पैक किया गया था, जो उन्हें पृथ्वी के वायुमंडल से नीचे लाया था. स्पेस फ्लाइट के अनुसार अक्टूबर 2018 में नासा के अंतरिक्ष यात्री निक हेग और कॉस्मोनोट अलेक्सि ओवचिनिन को ले जा रहे सोयूज़ रॉकेट की विफलता ने इस तरह की प्रक्रिया को रोक दिया था. (फोटोःगेटी)
इसलिए स्पेस स्टेशन मैनेजर ने बैटरी पैक्ड पैलेट को खाली करने का निर्णय किया. नासा के अधिकारियों ने लिखा कि ह्यूस्टन में नासा के जॉन्सन स्पेस सेंटर पर ग्राउंड कंट्रोलर ने EP-9 को धरती की ऑर्बिट में रिलीज करने के लिए 57.7 फीट लंबी कैनेडियन रोबोटिक आर्म की कमान संभाली. (फोटोःगेटी)
यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ESA) के अनुसार रिसर्चर्स का अनुमान है कि पृथ्वी की कक्षा लगभग 34,000 मलबे से भरी हुई है. जिनका आकार कम से कम 4 इंच चौड़ा है. वहीं, 128 मिलियन टुकड़े ऐसे हैं जो 1 मिलीमीटर या उससे बड़े हैं. (फोटोःगेटी)
We could have recycle that! FFS @NASA @RogueNASA
— ((( FRANK DUMAS ))) 🏴 (@maikan5) March 16, 2021
NASA discards a 2.9-TON pallet of batteries into space https://t.co/S0asRc8EwB via @MailOnline