कहते हैं कि इंसान के पास अगर हुनर और जज्बा हो तो कठिन परिस्थितियों में भी वह अपनी डगर आसान कर लेता है. ऐसा ही एक उदाहरण पेश किया है छत्तीसगढ़ के एक होनहार ने जो दिव्यांग होने के बाद भी न सिर्फ ड्यूटी करके पढ़ाई करते हैं बल्कि अपने परिवार की भी देखभाल कर रहे हैं.