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मिसाल: हाथ-पैर नहीं, स्कूटी से ड्यूटी जाता है यह कंप्यूटर ऑपरेटर

मिसाल: हाथ-पैर नहीं, स्कूटी से ड्यूटी जाता है यह कंप्यूटर ऑपरेटर
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कहते हैं कि इंसान के पास अगर हुनर और जज्बा हो तो कठिन परिस्थितियों में भी वह अपनी डगर आसान कर लेता है. ऐसा ही एक उदाहरण पेश किया है छत्तीसगढ़ के एक होनहार ने जो दिव्यांग होने के बाद भी न सिर्फ ड्यूटी करके पढ़ाई करते हैं बल्कि अपने परिवार की भी देखभाल कर रहे हैं.
मिसाल: हाथ-पैर नहीं, स्कूटी से ड्यूटी जाता है यह कंप्यूटर ऑपरेटर
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बलरामपुर जिले के रहने वाले आशीष को भगवान ने जन्म से ही दोनों हाथ-पैर नहीं दिए हैं. इसके बावजूद भी आशीष शंकरगढ़ पंचायत कार्यालय में एक कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में काम कर रहे हैं.
मिसाल: हाथ-पैर नहीं, स्कूटी से ड्यूटी जाता है यह कंप्यूटर ऑपरेटर
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इतना ही नहीं आशीष स्कूटी भी चलाते हैं और उसी से रोजाना ड्यूटी करने जाते हैं. आशीष पूरे इलाके में चर्चा का विषय बने रहते हैं. लोग हमेशा उनकी तारीफ करते हैं.
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आशीष का कहना है कि मेरे पास जन्म से ही हाथ और पैर नहीं हैं, लेकिन मैं अपनी शिक्षा प्राप्त करने के साथ-साथ नौकरी भी करता हूं.
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बलरामपुर के कलेक्टर संजीव कुमार झा ने बताया कि आशीष कई लोगों को प्रेरित करते हैं. वे अपना सारा काम खुद करते हैं. कलेक्टर ने कहा कि मैंने सर्कल ऑफिसर से बात की है की वे आशीष के पिता को भी नौकरी पर रखें. (All Photos- ANI)
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