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साल का आखिरी सुपरमून, ज्यादा चमकीला और खिला हुआ दिखा चांद

साल का आखिरी सुपरमून, ज्यादा चमकीला और खिला हुआ दिखा चांद
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गुरुवार रात सुपरमून दिखाई दिया और यह 2020 का अंतिम सुपरमून भी था. इसे सुपर फ्लॉवर मून के रूप में भी जानते हैं. नासा के अनुसार, सुपर फ्लॉवर मून सुबह 6.45 ईडीटी (शाम 4.15 आईएसटी) से दिखाई दिया. यानी सुपरमून गुरुवार शाम से शुक्रवार सुबह तक दिखाई देगा.  इस दौरान चंद्रमा आम दिनों के मुकाबले बड़ा और चमकीला दिखाई दिया. क्योंकि इस अवधि में यह पृथ्वी के सबसे नजदीक था. ये तस्वीरे केरल के मल्लापुरम लाइटहाउस की है जहां पर इस खूबसूरत चंद्रमा का दीदार हुआ.

(Photo PTI)
साल का आखिरी सुपरमून, ज्यादा चमकीला और खिला हुआ दिखा चांद
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इस दिन पूर्णिमा बैशाख का भी संयोग हुआ, जिसे बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन को पूरे एशिया में बौद्ध धर्म के लोग मनाते हैं. यह चार सुपरमून श्रंखला का अंतिम सुपरमून था. एक सुपरमून पिछले महीने भी दिखाई दिया था, और उसे सुपर पिंक मून कहा गया था.

(Photo PTI)
साल का आखिरी सुपरमून, ज्यादा चमकीला और खिला हुआ दिखा चांद
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2020 का पहला सुपरमून फरवरी में दिखाई दिया था, उसके बाद एक नौ मार्च और 11 मार्च के बीच दिखा था. सुपरमून शब्द 1979 में खगोलशास्त्री रिचर्ड नोल ने दिया था. चांद के पृथ्वी के नजदीक आने के कारण बाकी दिनों के मुकाबले सुपरमून में चांद 14 फीसदी बड़ा और 30 प्रतिशत फीसदी ज्यादा चमकदार दिखाई देता है. पिछले वर्ष 7 अप्रैल को लोगों ने सुपरमून का दीदार किया था.

(PTI File Photo)
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साल का आखिरी सुपरमून, ज्यादा चमकीला और खिला हुआ दिखा चांद
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दरअसल पृथ्वी के चक्कर लगाने के दौरान एक समय ऐसा आता है जब चंद्रमा पृथ्वी के सबसे नजदीक आ जाता है. पृथ्वी से ज्यादा नजदीक होने की वजह से चंद्रमा इस दौरान बहुत बड़ा और चमकीला दिखाई देता है. इसी को सुपरमून कहते हैं. आमतौर पर पृथ्वी और चंद्रमा के बीच औसतन दूरी 384,400 किलोमीटर होती है लेकिन सुपरमून के दिन कुछ समय के लिए यह दूरी कम हो जाती है उस दौरान धरती से चांद की दूरी 361,184 किलोमीटर ही रह जाती है.

(Photo File PTI)
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सुपरमून के दिन चांद हर दिन की तुलना में 14% बढ़ा और 30% ज्यादा चमकदार दिखाई देता है. इसलिए इसे फ्लॉवर मून नाम दिया गया है क्योंकि यह किसी खिलते हुए फूल की तरह नजर आता है.

(Photo File PTI)
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