कोरोना वायरस ने भारत समेत पूरी दुनिया को तबाह कर रखा है और इसका अगर सबसे ज्यादा असर किसी चीज पर हुआ है तो वो है अर्थव्यवस्था. कोरोना ने भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी है लेकिन इस दुनिया में एक देश ऐसा भी है जिस पर कोरोना वायरस का कोई असर नहीं हुआ और वो अपनी रफ्तार से आगे बढ़ता जा रहा है.
इस देश का नाम है ताइवान जो कोरोना जैसी महामारी के बीच भी तरक्की की सीढ़ियां चढ़ता जा रहा है. साल 2020 में ताइवान दुनिया की तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गया है. इस साल वहां जीडीपी विकास दर 2 फीसदी की रफ्तार से बढ़ने की संभावना है.
आर्थिक विश्लेषकों के मुताबिक कोरोना काल में चंद ही ऐसे देश हैं जो आर्थिक विकास की इस रफ्तार को हासिल कर पाए. अब ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ताइवान ने ये कमाल किया कैसे. ताइवान की बढ़ती अर्थव्यवस्था के दो मुख्य कारण हैं. पहला ये कि कोरोना के बावजूद ताइवान एक मात्र ऐसा देश है जिसने कोई लॉकडाउन नहीं लगाया और स्कूल, ऑफिस और दुकानों को बंद किए बिना महामारी पार काबू पाया. (तस्वीर - एजेंसी)
इसकी दूसरी सबसे बड़ी वजह है ताइवान मैन्युफैक्चरिंग हब बनता जा रहा है और वो दुनिया की जरूरतों को पूरा करने की स्थिति में है. ताइवान दुनिया को सबसे ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों की सप्लाई करता है और ये उसके निर्यात का एक तिहाई हिस्सा है. ताइवान एक छोटे से सेमी कंडक्टर से लेकर कंप्यूटर सर्वर तक सबकुछ बनाता है. इस साल वैश्विक व्यापार करीब 10 फीसदी कम होने के आसार है लेकिन ताइवान के निर्यात में 5 फीसदी बढ़ोतरी का अनुमान है.
ताइवान की बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए चीन-अमेरिका तनाव को भी अहम माना जा रहा है. ताइवान की ज्यादातर कंपनियां पहले चीन में निवेश करती थी लेकिन अमेरिका के भारी भरकम आयात शुल्क से बचने के लिए ताइवान ने चीन में अपना काम समेट लिया. कई कंपनियों ने देश छोड़ दिया और स्वदेश लौट आई. इससे उन्हें भारी भरकम आयात शुल्क से छूट मिल गई और ताइवान पहले से ही अमेरिका के गुड बुक्स में शामिल रहा है.