रूस में घूमने के लिए घर से दूर गए एक विवाहित जोड़े को जंगल में जंगली भालू से अपनी जान बचाने के लिए 10 दिनों तक भूखे-प्यासे एक पेड़ पर रहना पड़ा. वहीं जंगली भालू उन्हें शिकार बनाने के लिए पेड़ के नीचे ही डटा रहा और उनके उतरने का इंतजार करता रहा. इस घटना के बाद दोनों पति-पत्नी बुरी तरह डर गए. (तस्वीर - The Siberian times)
नीना नाम की महिला ने बताया कि पति के साथ उसने जंगल में घूमने की योजना बनाई और मित्सुबिशी पजेरो गाड़ी से निकल गई लेकिन कामचटका क्षेत्र में झरनों से लगभग 11 मील दूर एक छोटे फोखर में उनकी गाड़ी फंस गई. (तस्वीर - The Siberian times)
वहां जंगलों में कोई मोबाइल नेटवर्क नहीं होने के कारण वो अपनी गाड़ी को वहां से निकालने के लिए किसी को कॉल तक नहीं कर पा रहे थे. जंगली जानवरों के डर से भयभीत जोड़े ने अपने विंडस्क्रीन पर एक मदद का संदेश लिखा, 'दो लोग, प्लीज सहायता करें और यहां से निकालें. लेकिन बाद में उन्होंने दावा कि उन्हें खोजने के लिए कोई नहीं आया. (तस्वीर - The Siberian times)
नीना ने बताया कि जिस समय उनकी गाड़ी फंसी हुई थी उसी दौरान उन्होंने महसूस किया कि एक बड़ा जानवर उनकी तरफ बढ़ रहा है. उन्होंने कहा, "भालू हमारे पीछे चल रहा था, और हमने उसे तुरंत नोटिस नहीं किया, वह बिल्कुल चुप था. (तस्वीर - The Siberian times)
महिला ने बताया, "मेरे पति ने सबसे पहले शिकारी भालू को देखा था. पहले तो हमने भालू को डरा दिया और वह पीछे हट गया लेकिन फिर वह हमारे पीछे भागा.'' उन्होंने कहा कि वे ढलान से 200 गज नीचे एक नदी की ओर दौड़े जहां वो जान बचाने के लिए एक पेड़ पर चढ़ गए. (तस्वीर - The Siberian times)
नीना ने बताया, 'पेड़ पर चढ़ने के दौरान भालू ने मेरे पति को लगभग मार ही डाला था.' उन्होंने बताया, "मैंने भालू को विचलित करने के लिए अपनी पानी की बोतल उस पर फेंक दी जिस वजह से एंटोन (पति) पेड़ पर चढ़ने में कामयाब रहा." (तस्वीर - The Siberian times)
नीनी ने बताया कि इसके बाद भालू पेड़ पर चढ़ने की कोशिश करने लगा जिसके बाद उसने अपना खाने वाला बैग उसपर फेंक दिया. यह तरकीब काम आई. भालू ने जमीन पर पड़े उस बैग में मौजूद खाना खा लिया. (तस्वीर - The Siberian times)
नीना ने दावा किया कि भालू ने दो दिनों तक उनकी "पहरेदारी" की और पति-पत्नी बारी-बारी से उसके सोने और उसकी गतिविधियों पर नज़र रखते थे ताकि मौका पाकर वहां से भाग सकें. महिला ने कहा, ''हमें एहसास हुआ कि बिना भोजन और पानी के हमारे पास पेड़ पर रहने की कोई शक्ति नहीं है, और भालू हमें अकेला नहीं छोड़ेगा.'' (तस्वीर - The Siberian times)
नीना ने दावा किया कि आखिरकार भालू थककर एक दिन वहां से काफी दूर चला गया ताकि हम पेड़ से नीचे उतरें और नदी की तरफ जा सकें. महिला ने बताया कि जैसे ही हम नदी की तरफ गए भालू फिर हमारे पीछे पड़ गया. नदी को पार करने के दौरान मैं लगभग डूब गई थी लेकिन मुझे पति ने बचा लिया. इसके बाद पति-पत्नी किसी तरह अपनी गाड़ी के पास पहुंचे जहां अन्य गाड़ियों की आवाज सुनकर जान में जान आई. (तस्वीर - The Siberian times)