राजस्थान के बाड़मेर जिले में पानी की कमी के चलते एक ऊंट के बच्चे की मौत हो गई है. यह ऊंट का बच्चे पानी की तलाश में भटक रहा था और अंततः एक सूखे कुंड के पास जाकर उसने दम तोड़ दिया.
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घटना बाड़मेर जिले के बायतु विधानसभा के खोकसर गांव की है, जो ऊंट बिना
पानी के ही कई दिनों तक जिंदा रह सकता है, यहां उसी ऊंट के बच्चे ने प्यास की वजह से दम
तोड़ दिया. इस ऊंट के बच्चे की तस्वीरें सोशल मीडिया पर
वायरल हो रही हैं.
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इस मामले में गांव वालों ने बताया कि महीने में
तीन-चार बार पानी की सप्लाई होती है. यहां पानी की भयंकर किल्लत है और इस
ऊंट के बच्चे ने पानी के अभाव में दम तोड़ दिया है. उन्होंने आरोप लगाया
है कि सरकार की लापरवाही के चलते इस जानवर की मौत हुई
है.
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मामले में जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता जेपी शर्मा का दावा
है कि उस इलाके में पानी की सप्लाई लगातार दी जा रही है. दिलचस्प बात
ये भी है कि इसी इलाके से गहलोत सरकार में राजस्व मंत्री हरीश चौधरी आते
हैं और इसी इलाके से केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी विधायक भी रह
चुके हैं.
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बता दें कि राजस्थान के ज्यादातर इलाके रेगिस्तान में आते हैं. ऊंट को रेगिस्तान का जहाज भी कहा जाता है क्योंकि वह कई महीने तक बहैर पानी के भी जीवित रह सकता है. राज्य में ऊंट खेती-बाड़ी से लेकर परिवहन और माल ढुलाई के काम आता है.