फ्रांस के शहर पेरिस में स्कूल टीचर का सिर कलम करने वाले आतंकी का पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया है. अब्दुल्ला का जन्म रूस के मॉस्को में हुआ था और ये चेचेन्या का शरणार्थी था. अब्दुल्लाह ने 16 अक्तूबर को फ्रांस के सैम्युएल पैटी की हत्या की थी जिसके कुछ ही मिनटों बाद फ्रेंच पुलिस ने इस आतंकी को मार गिराया था.
18 साल के अब्दुल्ला की बॉडी को फ्रांस सरकार ने कुछ दिन पहले ही इस आतंकी के रूस स्थित गांव शलाजी में भेजा है. अब्दुल्ला के अंतिम संस्कार में कड़ाके की ठंड के बावजूद 200 के आसपास लोग शरीक हुए थे और उसका हीरो की तरह अंतिम संस्कार किया गया.
रिपोर्ट्स के अनुसार, अब्दुल्ला के अंतिम संस्कार के दौरान कई लोगों ने उसे इस्लाम का शेर भी बताया. इसके अलावा ये भी रिपोर्ट्स हैं कि अनाधिकारिक रूप से एक सड़क का नाम अब्दुल्ला के नाम पर रख दिया गया है.
बता दें कि छात्रों के साथ क्लास में पैगंबर के कार्टून के साथ चर्चा करने के बाद इतिहास के टीचर सैम्युएल की गर्दन काटकर हत्या कर दी गई थी. सैम्युएल ने मैगजीन चार्ली हेब्दो के कार्टून का सहारे लेते हुए फ्री स्पीच की अहमियत पर बात की थी. 47 साल के सैम्युएल को उनके कॉलेज के बाहर मार गिराया गया था और अब्दुल्ला ने इस जघन्य अपराध की क्लिप भी बनाई थी.
इस हमले के बाद फ्रांस में हजारों लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए प्रदर्शन किया था. इसके अलावा फ्रांस के प्रधानमंत्री भी प्रदर्शन में शरीक हुए थे. फ्रांस के प्रेसीडेंट मैक्रॉन ने कहा था कि ये एक पारंपरिक इस्लामिक आतंकी अटैक था और हमारे देश के शिक्षकों को फ्री स्पीच की महत्वता बच्चों को समझाने के लिए मारा जा रहा है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. वही चेचेन्या के कट्टरपंथ लीडर रमजान ने कहा था कि मैक्रॉन इन कार्टून के सहारे लोगों को आतंकवाद की ओर धकेल रहे हैं और ऐसी हरकतों की वजह से ही उनके पास कोई विकल्प नहीं रह गया है.